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________________ AAAAAAMANN.........ANnANINnnnnnnArum ७३२] अध्याय बारहवां । और लेडी महोदयके फोटो प्राप्त हुए थे सो बांटे गए । इस समय श्रीमती पार्वतीबाईने ५०) आश्रमको दिये । और भी १००) से उपरका फंड हुआ। श्रीमान् सेठ जमनालाल वर्धाकी धर्मपत्नीने लार्ड महोदयके फोटोपर व प्रमुखाको हार पहनाया। मगनबाईजीने सबका आभार मान समा विसर्जन की। दानवीर सेठजीके भानजे स्वर्गवासी सेठ चुन्नीलाल झवेरचंदकी विवाहिता पुत्री कीकीव्हेन स्त्री शिक्षामें ५०००) उर्फे परसनबाई का मरण ता. २५ जून . १९१३ को हो गया । इस बाईको भी धर्मका अनुराग था सो मरणके पहिले ५०००) स्त्री शिक्षा प्रचार व ५००) अन्य धर्म कार्यमें दान किये । इसकी माता जड़ावबाईको इसके वियोगसे बहुत कष्ट हुआ, क्योंकि जड़ावबाईके दो पुत्रियां थीं-एक तो पहले ही चल बसी थी दूसरी अब चल दी। सेठ माणिकचंदजी और मगनबाइजीक समझानेसे जड़ावबाईनीको सन्तोष हुआ और यह अपने जीवनको धर्मकार्यमें लोन करने लगी। सेठनीको यह जानकर बहुत हर्ष हुआ कि विलायतमें वेरि ष्टर जगमन्दिरलालजीके प्रयत्नसे ता. १४महावीर ब्रदरहुड ८-१३को महावीर ब्रदरहुड स्थास्थापन। पित हुई, जिसके सभापति मि. हर्बर्ट वारन, ___उपसभापति जुगमन्दिरलाल जैनी और मंत्री अलेक्जेन्डर गॉर्डन और उपमंत्री उनकी स्त्री मिस गॉर्डन है जो जैनधर्म धारण करते हैं वे इसके सभासद होते हैं । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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