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महती जातिसेवा तृतीय भाग ।
[ ७१३ सुपरिन्टेन्डेन्ट बाई यशोदाको साथ लेकर शोलापुर पहुंचे । नियत स्थानमें पं० पासू गोपाल शास्त्रीद्वारा सरस्वती पूजन होकर सभाका कार्य पं० वंशीधरजीके मंगलाचरण पूर्वक प्रारंभ किया । ऊपर लिखित ११०००) के सिवाय सेठ देवचंद हीराचंदकी पत्नी राजूबाईने भी १००००) देना मंजूर किये। इस २१००० ) ५ के टूष्टि नियत हुए । प्रबन्धकारिणी कमेटी में मंत्री रावजी सखाराम हुए। सेठ माणिकचंदजीने स्त्रीशिक्षाकी आवश्यकता बताते हुए श्राविका विद्यालयका बोर्ड खोला। उस समय उपस्थित मंडलीने २६५७ ) की भेट की, जिसमें १०००) झुमाबाई भर्तार गौतमचंद नेमचंदने ५००), नवलबाई भर्तार परमचंद रामचन्द, १०९) सेठ माणिकचन्द हीराचन्द जे. पी., १०१ ) सेठ हीराचन्द नेमचन्द, १०१) सेठ माणिकचन्द आलंद आदि । श्रीमती श्यामाबाई जैन और राधाबाई हेड मिस्ट्रेस शिक्षिकाएं नियत हुई। इसका काम भी भले प्रकार चल रहा है ।
यद्यपि सेठजीका शरीर अस्वस्थ्यतासे थका हुआ रहता था तौभी आपको आवश्यक कामोंके लिये जाने आनेमें जरा भी आलस्य न था । शोलापुर से लौटकर आए थे कि बनारस से
पत्र आने लगे कि यहांपर आकर प्रबन्ध ठीक करें | वहां विद्यालय से ७ छात्र एकाकर चले गये थे, उनके समझानेका प्रयत्न था । सेठजीकी इच्छा वहां जानेकी बिल्कुल न थी, पर पत्रोंके आने तथा अपनी सभापतिकी जिम्मेदारीको समझ कर आप इच्छा न रहते भी काशी पधारे और ता० २५ अगस्त
काशी विद्यालय सेठजीका गमन
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