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अध्याय बारहवां ।
बुरका पहनती हैं । ता० २३- ८-१० मंगलवारकी सांझको २३-८-१० ४ बजे जहाज सुएज़ नहर के उत्तर मुखको छोड़ कर भूमध्यसागर में चलने लगा | ता० २१ - ८-१० के दोपहर को मेसीनाकी खाड़ीमें पहुंचा। यहां तटपर ऐसा मालूम होता था कि पहले कोई मोटा शहर होगा | आगे चलकर एटनाका ज्वालामुखी पर्वत दीखता था जहांसे धुआं व पदार्थ निकल कर एक तरफ गिरते थे । ता० २८-८-१० को स्टीमर फ्रेंचोंके आधोन मार्सेल्स बंदर में पहुंचा । यह शहर व्यापारी है । कारखाने हैं । फ्रेंच भाषा है, फ्रान्क सिक्केका चलन है जो || = ) का होता है । यहां पर जहाज़ से उतर रेलवे द्वारा ३० घंटे चलकर दूसरे दिन पेरिस आए । रास्ते में हरएक गांवमें गिरजाघर देख पड़ता था । खेतों में क्यारियां कायदेसे थीं। ठंडी पड़ती थी । रेलवे में सफाई नहीं; चोरी व जैव काटे जानेका भय था । पेरिस एक सुन्दर नगर है । ३० लाखकी वस्ती है । मकानोंकी कतारें सीधी थीं । बड़े रास्ते पर ४ खनसे नीचेके मकान नहीं हैं। शहर में ज़मीन के नीचे मोटरोपोलोटन नामकी विजलीकी रेलवे चलती है । हरएक पांच२ मिनटमें आती है । व्यापारी शहर है । ये लोग अपने एक महचनिवासी देशी मित्रके यहां जीमते व होटल में ठहरे थे । यहां हरएक बालक बालिकाको ६ वर्ष से १४ वर्ष तक पढ़ाना ही पड़ता है । नीच जातिकी स्त्रियां भी पढ़ना लिखना जानती हैं। फूल बेचनेवाली, व गाड़ीवाला, व कूडेको ढोनेवाला भी समाचारपत्र वांचता है। यहां हरएक पुरुषको १९ या २० वर्ष की उम्र के पीछे २ वर्ष तक लशकरी खाते में
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