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________________ महती जातियोवा द्वितीय भाग। [५९१ आश्विन वदी १३ ता. १२ अक्टूबर ०९को हीराबाग धर्मशाला में सभा हुई। सेठ शामलाल चांदवड़ सभापति हीराबागमें सभा व हुए। सेठ माणिकचंदजी व अन्य अनेक सेठजीके अनुकरणमें भाई नासिक जिलेके मौजूद थे। बम्बई २००००)का दान। प्रान्तिक सभाका वार्षिक अधिवेशन श्री मांगीतुंगीमें मिती कार्तिक सुदी १२, १३ और १५ ता० २४-२५ और २६ नवम्बर ०९ को करना निश्चित हुआ था । उसके लिये सभापति हरीभाई देवकरणवाले सेठ हीराचंद रामचंद निश्चित हुए । स्वागतकारिणी कमेटोके सभापति सेठ गुलाबचंदनी हीरालालजी धूलिया व मंत्री सेठ शामलाल चांदवड़ नियत हुए। हमारे सेठजीको उस बातका खयाल था जो बेलगांवके लोगोंने हुबली बोर्डिंगकी स्थापनाके लिये जाते हुए सेठजीसे कहा था कि यहां बोर्डिंग होना चाहिये। आपने इस कार्यको कराने लायक शाहपुर बेलगांव निवासी धर्मप्पा सबेदारको पक्का किया जो कि जवाहरातके व्यापारी थे और बहुधा बम्बई आया जाया करते थे। सेठजीने २००००) बीस हजार रुपयेकी स्वीकारता करा ली। वह भी इस सभामें मौजूद थे। सेठजीने प्रेरणा करके कहा कि सूबेदार साहब कोई हर्षका समाचार प्रगट करना चाहते हैं। तब सूबेदार साहब उठे और प्रगट किया कि वेलगांवमें बोर्डिंगकी बहुत बड़ी जरूरत है अतएव उसके लिये मैं अभी २००००) बीस हजारका संकल्प करता हूं व आवश्यक्ता होनेपर दस पांच हजार और भी लगाउंमा ।" इस समाचारको सुनके समाको बड़ा आनन्द हुआ। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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