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________________ ५८४ ] अध्याय ग्यारहवां । वहांके दिगम्बरियोंने मना किया इसपर बोलचाल बढ़ी । वे० के साथ तलवार बंदूक आदि थी उससे ७ दिगम्बरी घायल किये गए । पुलिस आई । २० वे० व आनन्दसागरजी के ऊपर मुकद्दमा चलाया | इस सम्बन्धी विचारके लिये हीराबाग में फाल्गुन सुदी ८ को दिग म्बरियोंकी एक आम सभा राजा ज्ञानचंद के सभापतित्वमें हुई । सेट माणिकचंदजी और पं० धन्नालालने सर्व हकीकत वर्णन की। सर्व सभासद इसके लिये योग्य प्रबन्ध करें ऐसी प्रार्थना सेठजीने की । यह मुकद्दमा बहुत दिन चला इसमें सेठजीने तीर्थक्षेत्र कमेटी से रूपयोंकी बहुत मदद दी । जातिसेवा के लिये कमर कसे हुए सेठजी शीतलप्रसादजीको लेकर ता० २५ मार्च ०९ को सबेरे बंबई बेलगांव स्टेशन पहुंचे । उत्तम प्रकार से स्वागत हुआ। शामको जैन लोगोंकी तरफसे सेठजी के सन्मानार्थ सभा हुई। उसमें शीतप्रसादजीने विद्योन्नतिपर भाषण देते हुए जैन बोर्डिग के लाभ वर्णन किये । रा० रा० चौगलेन समर्थन किया व बेलगांव में भी ऐसे बोर्डिंगकी आवश्यकता बताई | बेलगांव के अजैन वकील रा० रा० छत्रेने शीतलप्रसादजी के व्याख्यानकी प्रशंसा पूर्वक अनुमोदना की। अंत में सेठ माणिकचंदजीने कहा कि लोगों की इच्छा प्रमाण यहां भी बोर्डिगकी जरूरत है पर यह काम एकदम नहीं हो सकता । स्थापना के पहले बहुत परिश्रमकी आवश्यकता है। रात्रिको यहांसे बहुतसे महाशय डुबली सबेरे सेठजीके साथ पधारे । जैन बोर्डिंग खोलनेका मुहूर्त्त चैत्र सुदी ६ ता० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org सेठजीका हुवली बोर्डिग के लिये भ्रमण ।
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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