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महती जातिसेवा द्वितीय भाग । [५५९ किया" उपस्थित मंडलीने बोर्डिंगको १६७५) भेट किये । आजकल यह बोर्डिंग एक नए मकानमें बहुत उन्नतिके साथ चल रहा है। मंत्री सेठ हीराचन्द नेमचन्द बड़े उद्योगी हैं।
पर्वतरक्षाकमेटी कलकता श्रीशिखरजीके लिये पूर्ण उद्योग
कर रही थी। फीरोजाबादके मेले का मौका फीरोजाबादमें शिख- जानकर शिखरजीके लिये खास विचार रजीकी सभा। करनेको खास २ महाशयोंकी एक सभा
बुलाई गई। कलकत्तसे भी बाबू धन्नूलाल और सेठ परमेष्ठीदासजी आए थे। इन्दौरसे सेठ हुकमचंदजी, फीरोजपुरसे लाला देवीसहायजी, शोलापुरसे सेठ हीराचंद व सखाराम नेमचंद आदि अनेक तीर्थभक्त उपस्थित थे।
बम्बईसे सेट माणिकचंदनीने अपने कुटुम्बको श्रीमती मगनबाईजीके साथ कुंडलपुर ( दमोह ) में महासभाके उत्सवपर भेन दिया, क्योंकि महासभाका अधिवेशन ता २८ मार्चसे था और फीरोजाबादमें ता० २४ व २५ मार्चको सभा थी। सेठजीको धर्म कार्यके निमित्त शारीरिक कप्टकी बिलकुल भी परवाह नहीं थी। आपने यही निश्चय किया कि फीरोजाबाद होकर कुंडलपुर चले आवेंगे। शीतलप्रसादनीके साथ आप फीरोजाबाद पहुंचे। वहां सेठ मेवारामजी आदि रानीवालों ने सब तरह सर्व भाइयोंका सन्मान किया। पर्वतकी रक्षा तन मन धन लगाकर की जावे, इसमें कोई बात उठा न रक्खी जाय ऐमा निश्चय किया गया । यहांसे सेठनी दमोह स्टेशनको रवाना हो गए।
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