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५५६ ] अध्याय ग्यारहवां । लालचंद कहानदास, वडोदरा. मोहनलाल विठ्ठलदास धामी, भावनगर. जेठाभाई गोरदनदास, आमोद. नरसीदास गंगादास, इसणाव. शीवलाल तुलसीदास, मोरड. गुलाबचंद लालचंद, गांधी जेचंद नाथजी, दाहोद. प्रेमचंद हरगोवनदास, सुरत. दलपतभाई केवलदास, बोरमद, हरजीवन रायचंद, आमोद. नगीनलाल शोभाचंद, दाहोद. अमीचंद वस्ता, ईडर. वीरचंद त्रीकमदास वडोदरा. भाईजी नाथाभाई, बोरसद. गांधी जीवाभाई वहालचंद, सोनासण. कोठारी नानचंद पुनीराम ईडर. गीरधरलाल फूलचंद बहेचर भवानदास, गांधी जीवाभाई उगरचंद,सोनासण.छोटालाल घेलामाई गांधी, अंकलेश्वर,
हरीभाई मंगलदास. जीवणलाल हलोचंद. • पदमसी फतेचंद, साणोदा. रामचंद नानचंद.. ताराचंद हीराचंद. जमनालाल परभुदास. जेठालाल गीरधरलाल. रेवचंद बहेबरदास.
वास्तवमें जो निःस्वार्थ बुद्धिसे जगतके उपकारमें अपने तन मन धनका भोग करता है उसका विना चाहे जगत आदर करता है । सेठनीसे कोई कभी अप्रसन्न नहीं होता था। वह छोटे व बड़े सबसे समान व सरल भावसे कपटरहित बात करते थे व अपने बचनोंके बड़े पाबन्द थे । जिस सत्य वचनके
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