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________________ ५२२ ] अध्याय ग्यारहवां। लाट पूरी जांच करने जायगे वहां जैनियोंको अपना हाल कहनेका पूरा मौका दिया जायगा, तथा जब तक छोटे लाट जांच न कर लेंगे बंगलोंके लिये पट्टे न दिये जायगे "-वे कुछ वाक्य ये हैं(I am to add that no action whatever will be taken towards granting leases on the Hill until the enquiry has been held by His Honor the Lieutenant Governor. ) सेठजीने बातको बढ़ते हुए देखकर बम्बई में सलाह की कि यदि राजा पालगंज द्वारा बंगलोंकी इन्कारी सेठजीका परस्पर हो जाय व श्वेताम्बरी लोग मिलकर उद्योग निबटानेका प्रयत्न । करें तो शायद शीघ्र यह उपसर्ग दूर हो इसलिये आपने मिती आषाढ़ सुदी ४ ता. १४ जुलाई के दिन बम्बईसे अपने भानजे सेठ चुन्नीलाल झवेरचंदको लाला प्रभुदयालजी, सेठ पदमचंदनी, मि. चुन्नीलाल बी. ए. सुप० जैन बोर्डिंग बम्बई, आदि भाइयोंके साथ गिरीडी भेना । आरासे बाबू देवकुमार व बाबू किरोड़ीचंद भी आए। बहुत कुछ चेष्टा की। राय बद्रीदास कलकत्ताकी असम्मतिसे दि० व श्वे० में मेल न हुआ और न राजाही के द्वारा कोई सफलता हुई । इस समय वहां वर्षात बडीभारी पडी थी। पालगंज जाने आनेमें वर्षाकी बाधा इन सब लोगोंने सहन की, क्योंकि बराकर नदीको पार करना पड़ता है जो वर्षातमें बहुत बढ़ जाती है । आबोहवाकी खराबीसे करीब २ सर्व पार्टी बीमार हो गई। सेठ चुन्नीलाल झवेरचंदको कलकत्तेमें टांगमें ऐसा फोड़ा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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