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महती जातिसवा प्रथम भाग |
४ - सेठ गांधी बालचंद उगरचंद ५ - सेठ हरमुखराय अमोलकचंद
६ - गांधी रावजी साकलचंद,
७ - सवाई सिंहई रिखमसाह गुलाबसाह, नागपुर
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८- बाबू देवकुमारजी, आरा
९ - लाला रूपचंद रईस, सहारनपुर
१० - लाला कुंजीलाल बनारसीदास, बनारस ११ - लाला छेदीलालजी
१२- लाला हनूमानदास बाबूनंदनजी १३ - लाला खड़गसैन उदयराज
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१४ - बाबू घन्नूलाल एटर्नी, कलकत्ता १५. - जौहरी माणिकचंद हीराचंद जे. पी० बम्बई
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यह फंड बढ़ता रहा यहां तक कि ता. ३१ जुलाई १९१५ तककी रिपोर्ट में रु. २३५००) का हो गया था ।
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सेठजीका स्वर्गवास हो गया नहीं तो वे इसे ॥) सैकड़े के व्याजसे ६००) मासिक खर्च के योग्य १ लाखका फंड कर देते, परंतु उनके जीवनचरित्रको पढ़कर उदारचित्त धनाढ्योंका कर्तव्य है कि इसके फंडको शीघ्र पूरा करा देवें ताकि यह संस्था अमर रहकर सेठ माणिकचंदजीकी स्मृतिको कायम रखनेके सिवाय सेठ नेमीचंदजीकी इच्छानुसार संस्कृत विद्वानोंको उत्पन्न करती रहे ।
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