________________
४६०]
अध्याय दशवां । आधीन रहेगी और मंदिर तथा तत्सम्बन्धी सर्व मकानादिकी कार्रवाई यह कमेटी करेंगी।
१-बाबू देवकुमार, आरा. २-सेठ शिवनारायण, हजारीबाग. ३-सेठ माणिकचंद हीराचंद, बम्बई. ४-सेठ हीराचंद नेमचंद, सोलापुर ५-बाबू नन्दकिशोरलाल, आरा. ६--सेठ चुन्नीलाल प्रेमानंद, बोरसद.
७--सेठ नेमीसाह, नागपुर. २--ट्रष्टियोंका यह कर्तव्य होगा कि वह इस बातको देखें कि मंदिरका लहना यथोचित रीति और विचारपूर्वक बसूल होता है, सर्व खर्च सावधानी ( होशियारी) से किया जाता है, तथा जो कुछ खर्च किया जाता है वह धार्मिक कार्य तथा सर्वसाधारणके परोपकारके अर्थ ही है।
३--इस कमेटीको अधिकार रहेगा कि वह ट्रष्टके उचित प्रबन्धके लिये बहुत ही सन्तोषप्रद और आवश्यक रीतियां काम करनेके लिये परस्पर तय करले और ऐसे नियम अपने सभाके जल्सेके स्थान, समय और कार्य प्रणालीके बनावे कि जो आवश्यक मालूम हों-जब सब मेम्बरोंकी किसी प्रस्ताव पर राय न मिले तो वह प्रस्ताव बहु-सम्मतिसे स्वीकृत हो जायगा, परन्तु उसके विरोधकोंको अधिकार रहेगा कि वह इस कोर्टमें कोई भी प्रार्थना उस प्रस्तावके विरुद्धमें कर सक्ते हैं।
४--जमा खर्चका हिसाब प्रतिवर्ष किसी मुयोग्य परीक्षक (auditor ) द्वारा जांचा जायगा और इस कोर्टमें भेजा जायगा और आवश्यकतानुसार ऐसी रीतिसे छपाकर प्रसिद्ध किया जायगा
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org