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अध्याय नवां । ।
. उदारचित्त दानी सेठने पुत्रकी स्मृतिके लिये १०००) का दान इस प्रकार किया
२०) जैन महाविद्यालय, मथुरा । ६०) दि० जैन प्रान्तिक सभा, बम्बई । ४०) पंजाब, अवध, मालवा और नागपुरकी दि० जैन प्रान्तिक
सभाओंके सहायतार्थ । १००) सेठ प्रेमचंद मोतीचंद दि० जैन बो० स्कूल,अहमदाबाद, १००) श्री कुंथलगिरिकी सड़कके लिये । १००) द० महाराष्ट्र जैन बोर्डिंग, कोल्हापुर । ५०) सिद्धक्षेत्र गनपंथाजी । २५) जैन अनाथालय, हिसार । २५) , जैपुर । १००) पिंजरायोल-सूरत । ५०) रक्तपित्त औषधालय-बम्बई । ५०) महाजन अनाथ बालाश्रम-सूरत । २५)
अहमदाबाद। २५) भोजनशाला-सुरत २३०) फुटकल ( इच्छित कार्योंमें ) १०००) कुल
पाठकोंको इससे शिक्षा लेनी चाहिये कि सेठजी अपने पैसेसे कितने विचारके साथ उपयोगी कामों में दान किया करते थे।
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