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अध्याय आठवाँ। favourable impression and continues to do so in the lecture courses which he is still delivering in verious parts of the country. " Chicago 30,2
Merwin Marie Snell. January.
भावार्थ । सम्पादक: " पायोनियर "
वीरचंद गांधी बी. ए. बम्बईन जैन जातिकी तरफसे बहुत योग्यता दिखाई, बहुत बड़ा असर पैदा किया और अब जो देशके भिन्न २ भागोंमें व्याख्यान दे रहे हैं उससे अमर बढ़ता जाता है... चिकागो, ३. जनवरी। दः मरविन मैरी स्नेल
( जैन बोधक जून १८९४ ) एक दिन सेठ माणिकचंदको महासभाके अधिवेशनकी याद
पड़ गई । शास्त्रोंके छपने न छपनकी सेठ हरजीयन गयच- चर्चा दिलमें आ गई । सेटजीके दिलमें न्दसे परिचय। सेठ हीराचंदनीका बहुत बड़ा मान था।
प्रेम भी खूब था। हरएक बातमें इनकी साह लेते थे । धार्मिक मित्र ही मानते थे इससे मेट हीराचंदके समान सेठ माणिकचंदजी भी ग्रंथ मुद्रणके पक्षपाती थे । इनको पूर्ण विधास था कि विना मुद्रित ग्रंथोंके स्वाध्यायका प्रचार नहीं हो सकता। इतने हीमें इन्होंने उस भक्तामरजीको याद किया जो गुजराती अर्थ सहित छपा हुआ मथुरामें देखा था ।
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