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जिनवाणी-विशेषाङ्क उत्तर-सम्यक्त्व इन पाँच लक्षणों से जाना जाता है-१. सम (शम) २. संवेग, ३. निर्वेद ४. अनुकम्पा और ५. आस्था । १०. प्रश्न-सम (शम) किसे कहते हैं? उत्तर-शत्रु पर समभाव रखना 'सम' कहलाता है। अनन्तानुबंधी क्रोध, मान, माया और लोभ का उदय न होना ‘शम' है। ११. प्रश्न-संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर-वैराग्यभाव या मोक्ष की अभिलाषा होना संवेग है। १२. प्रश्न निर्वेद किसे कहते हैं? उत्तर-भोग एवं संसार में अरुचि रखना, संसार को कैदखाना समझना और आरंभ परिग्रह से निवृत्त होना निर्वेद है। १३. प्रश्न–अनुकम्पा किसे कहते हैं ? उत्तर-दुःखी जीवों को देखकर दया करना, उनके दुःख दूर हो ऐसी भावना रखना अनुकम्पा है। १४. प्रश्न-आस्था किसे कहते हैं ? उत्तर-धर्म, पुण्य, पाप, आत्मा, परमात्मा, स्वर्ग, नरक, मोक्ष आदि को मान्य करना, जिन-वचनों पर दृढ़ विश्वास रखना आस्था है। १५. प्रश्न-सम्यक्त्व के कुल कितने लक्षण बताये हैं ? उत्तर-६७-चार श्रद्धान, तीन लिंग, दस विनय, तीन शुद्धि, पाँच लक्षण, पाँच दूषण, पाँच भूषण, आठ प्रभावना, छह आगार, छह यतना, छह स्थान और छह भावना। १६. प्रश्न-सम्यक्त्व के पाँच प्रमुख भेद कौन-कौन से हैं? उत्तर-१. सास्वादन सम्यक्त्व २. क्षायोपशमिक सम्यक्त्व ३. औपशमिक सम्यक्त्व ४. वेदक सम्यक्त्व और ५. क्षायिक सम्यक्त्व। १७. प्रश्न–सम्यक्त्व की कितनी रुचियाँ हैं ? उत्तर-दस-१. निसर्ग रूचि २. उपदेश रुचि ३. आज्ञा रुचि ४. सूत्र रुचि ५. बीज रुचि ६. अभिगम रुचि ७. विस्तार रुचि ८. क्रिया रुचि ९. संक्षेप रुचि और १०. धर्म रुचि। १८. प्रश्न-सम्यक्त्व के कितने आचार हैं? उत्तर-सम्यक्त्व के आठ आचार हैं-१. निःशंकित २. निःकांक्षित ३. निर्विचिकित्सक ४. अमूढदृष्टि ५. उपवृहण (उवबूह) ६. स्थिरीकरण ७. वत्सलता और ८. प्रभावना। १९. प्रश्न अनादिकालीन मिथ्यादृष्टि को सम्यक्त्व कैसे प्राप्त होती है ? . उत्तर--अनादिकालीन मिथ्यादृष्टि काललब्धि पाकर यथाप्रवृत्तिकरण, अपूर्वकरण और अनिवृत्तिकरण करता हुआ सम्यक्त्व प्राप्त करता है।
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