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________________ ३.७०. आवाज से सारे कैद खाने को गुजित किया । तत् पश्चात जब कैदियों ने पूज्यश्री से प्रार्थना की कि हमें पुनः ऐसा पुनित अवसर देते रहें और अपने पावन उपदेश से हमारा उद्धार हो । इस प्रकार जेल में शान्ति प्रार्थना कराके पूज्यश्री स्वस्थान पधारने लगे तब जेलर साहब पूज्यश्री को अपने घर ले गये पहा आहार पानी बहराकर कैदियों को अपनी तरफ से प्रसाद बांटा । दूसरे दिन श्रीमहावीर मण्डल की तरफ से कैदियों के लिए भोजन की तैयारियाँ प्रारम्भ हुई । श्री वकिल साहब रणजीतलालजी श्रीसोहनलालजी मेहता आदि महावीर मण्डल के सभी सदस्यों ने सारी व्यवस्था की । जब यह बात श्री स्थानकवासी समाज के मुख्य श्रावक उदार सेठ अम्बालालजी हीरालालजी खेमलीवालों ने सुनी तो अपनी तरफ से समस्त कैदियों को मिष्ठान्न खिलाने का जाहिर किया । सेठ साहब की इस उदारता के लिए संघ ने सेठ साहब को धन्यवाद दिया । श्री महावीर मण्डल के परम हितेषी श्री शोभालालजी जावरिया आदि मुख्य श्रावकों के प्रबन्ध से माहेश्वरी पंचायती नोहरे में भोजन तैयार किया गया और उसे जेलखाने में पहुंचाया गया । सब कैदियों ने बड़ी प्रसन्नता के साथ उसे खाया और खिलाने वालों को खूब धन्यवाद दिया । · ता० ३१-१-४२ को सरकारी डयोंडी द्वारा अगता पालने व जीवों को अमरियां करने और ता० १-२-४२ को गुलाबबाग में शान्ति प्रार्थना में सम्मलित होने का हुक्म सुनाया गया । स्थानस्थान पर पेम्पलेट चोंटाये गये । इस प्रकार शान्ति प्रार्थना की सूचना सर्वत्र करा दी गई । प्रातः महलों में पूज्यश्री को आमंत्रण ता० १-३-४२ को सुबह श्री महाराणा साहब ने श्री चौविसाजी को भेजकर पूज्यश्री को महलों में पधारने का आमत्रण दिया । तदनुसार पूज्यश्री सुबह मेहलों में पधारे । लम्बे समय तक शान्ति प्रार्थना होती रही तथा धार्मिक विषयों पर चर्चा हुई । इस समय महान बुद्धिमान दिवान श्री तेजसिंहजी साहब मेहता भी वहापर हाजिर थे । प्रसंगवश दिवान साहब की बात चली । दिवान सा० की प्रमाणिकता के लिये श्रीजी हुजूर ने भी भूरि भूरि प्रशंसा की। श्री महाराणा साहब आज के जल्से से बड़े प्रसन्न दिखाई देते थे। गुलाब बाग में भव्य शान्ति प्रार्थना .. ता. १-२-४२ को गुलाबबाग में ॐशान्ति की प्रार्थना के लिये पहले ही से सुन्दर तैयारियाँ हो चुकी थी । परमभक्त श्री रोशनलालजी मेहता ने इस कार्य में बहुत अच्छा भाग लिया । फोटुग्राफर श्री दौलतसिंहजी लोढा ने रुई के बडे अक्षर वाले साइनबोर्ड तैयार किये और उसे स्थान स्थान पर लगाये गये। इस सभा मण्डप की शोभा बढाने में व आकर्षक सभा मण्डप बनाने में महावीर मण्डल के सदस्य एवं उनके प्रेसिडेन्ड साहब चन्दनमलजी व जीवनलालजी नलवाया कालूलालजी लिलवाया आदि सर्व श्रीसंघने तन तोड परिश्रम किया । ठीक ग्यारह बजे पूज्यश्री स्थानक से प्रार्थना स्थल पर पधारने के लिए रवाना हो गये। इधर सारा नगर प्रार्थना स्थल पर जाने के लिए उमड पडा । सर्वत्र जनता के झुण्ड के झुण्ड प्रार्थना स्थल पर जाते हुए दिखाई दे रहे थे। आज के इस धार्मिक उत्सव को मनाने के लिए सबकी अनुकूलता को ध्यानमें रखकर महाराणा साहब ने समस्त राज्य में सरकारी छुट्टी जाहिर की थी तदनुसार स्कूल कालेज कोर्ट कचहरियाँ आदि सब उस दिन बन्द रखी जिसकी वजह से शहर के नागरिक भोजन आदि से निवृत्त होकर सैकड़ों की संख्या में प्रार्थना स्थल पर उपस्थित होने लगे। देखते देखते सारा गुलाबबाग का मैदान जनता से खचाखच भर गया । आजकी सभा का प्रबन्ध बडा हि सुन्दर बना था। वाइस प्रेसिडेन्ट सा. श्री छगनलालजी सा० शोसतिया श्री चिमनलालजी बोरदिया और श्री जीवनलालजी नलवाया ने बडे सुन्दरदंग से Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003976
Book TitleGhasilalji Maharaj ka Jivan Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRupendra Kumar
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1975
Total Pages480
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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