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________________ ३३.४ के पंचोने अपने गांव के तमाम देवी दवताओं के स्थान में हिंसा न करने का पट्टा लिखकर भेट किया साथ ही ग्यारस, अमावस्या, के दिन खेती का काम न करने की प्रतिज्ञा ग्रहण की । गांव वालों ने इस विषयक जो पट्टा लिख कर दिया उसकी प्रतिलिपि इस प्रकार हैपट्टा न० २ धामनोद सिद्ध श्री श्री श्री १००८ श्री पूज्य महाराज साहब श्री घसीलालजी महाराज १००७ श्री वीरपुत्र समीरमलजी महाराज तथा पं व्याख्यानी मुनि श्री कन्हैयालालजी महाराज १००५ श्री तपस्वीजी श्रीमदनलालजी महाराज १००५ श्रीतपस्वीजी मांगीलालजी महराज आदिठाना ५ सूमिती मगसर विदी १० रविवार का पधारना हुआ व महासतीजी श्री स्थीवर पद भूषित १००८ श्री सज्जनकुंवरजी महाराज तथा विदूषि १००७ श्रीमोहनकुंवरजी महाराज आदि का मिती मगसर विदो १२ मंगलवार का पधारना हुआ व उसी दिन ॐशान्ति की प्रार्थना हुई व पुरी तौर से सारे गांव में अगता रहा व सारे गांव के लोग शान्ति प्रार्थना में शामिल हुए । उस में पूज्य महाराजश्री का उपदेश सुन कर हम कुल गांव के सभी जाति के समस्त पंचों ने मिलकर धामनोद निवासी मिलकर सर्व देवी देवताओं को मीठे बनालिये । आयन्दा हमारे गांव में हमारा वंश व हमारा गांव रहेगा वहाँ तक कुल देवी देवताओं के नाम से जीवहिंसा नहीं करेंगे व नही करने देवेंगे व कुल देवी देवताओं को मिठा प्रसाद चढावेंगे तथा बोलमां के जीवों को अमरिया कर देवांगा। यह प्रण हमने चारभुजाजी को बीच में रखकर व चन्द्र सूर्यकी साक्षी से किया हैं सो आनन्द से निभा. वांगा । मितिमिगसर विदि १२ मंगलवार सं.१९९६ ता० २८-११-१९४० द.रतनलाल सियार सुदा सारे गांव के केवासु नि. भैरुसिंहजी राजपूत द.कालूराम रोजान्या द.भैरुसिंह गोयल नि,जवरचन्द्र तेली द.कन्हैयालाल द.नजीरमहमदखां पठान रतलाम मु.धामनोद हेड मुहरिर द.हरलाल भाट द.भैरुसिंह नि.उकार भील नि.लालसिंह राजपूत द.कुशालसिंह राठौर नि.नागू वाधरो द.रतनलाल तंबोली पानवाला नि.शम्भूभील नि.पून्याभील द. कमरुदीन द.कालुभील नि..बहादुर सिंह राजपुत द. कालुराम पटवारी नि. धूराजीभोल द. नरसिंध पटेल द. पूना तेली द. गामोठनथू द. बाबरू कुमार द. किशनभील नि, नानूराम भील नि. अमरा भील नि. नरसिंध भील नि. बगदोराम द. बगदीराम साधू नि अमराभोल दः कालू भील द० घासीराम नि. बहादुरसिंह राजपूत द० नाथूराम कुलम्बी द० सीताराम कुलम्बी दशंकर ब्राह्मण नि० बगदीराम कुमावत द० नारायण गुसाई द० सुथार भागीरथ नि० देवाकुंभार द. चत्रभुज कुंभार द.रघुनाई नि० देवरामकुलम्बी नि. नारायण कुलम्बी तेली नि० भागीरथ राजपूत द० सोभाराम नाई द. केशरजी द. भागीरथ मुकाती द. गुजराती नाथ का द.नाथुराम कुलम्बी द. चंपालाल द. किशोरदमामी द. लछीराम पटेल द. तेली अम्बारामगणेश द. शीतलनाथ द. सीताराम कुलम्बी सैलाना नरेश द्वारा धर्मोपकार धामनोद से पूज्यश्री बिहार कर अपने सर्व मुनिगण के साथ सैलाना पधारे । वहाँ श्री पुलिस सुप्रीडेन्ट श्री रेखाशंकरजी साहब के जरिये पूज्यश्री ने सैलाना नरेश श्रीमान् महाराजाधिराज श्री दीलिपसिंहजी साहब हिज हाइनेस K. C. I. E. K. के पास एकरोज सम्पूर्ण रियासम में अगता (पाखी) पलाकर ॐ शान्ति की प्रार्थना करने का सन्देश भिजवाया । जिसको सैलाना दरबार ने सहर्ष स्वीकार कर सारी रियासत में अगता तथा 'ॐ शान्ति' की प्रार्थना करने का हुक्म फरमाया । सैलाने में गांव के बाहर गेस्ट हाऊस पर दरबार ने सारी प्रजा को आने का हक्म फरमाकर अपनी तरफ से सामीयाना लगाकर प्रजाजनों को बैठने के लिए योग्य आसन की व्यवस्था की सामने ही महारानी साहिबा को बेठने Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003976
Book TitleGhasilalji Maharaj ka Jivan Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRupendra Kumar
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1975
Total Pages480
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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