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सिद्ध श्री श्री श्री श्री १००८ श्री पूज्य महाराज साहेब श्री घासीलालजी महाराज पं १००७ श्री कन्हैयालालजी महाराज १००५ श्री मंगलचन्दजी महाराज १००५ त० श्री मदनलालजी महाराज आदि ठाना ४ को पधारो हुओ । अहिंसा को उपदेश फरमायो सो उस उपदेशको धारण कर मां गजसिंहपुरा का निवासी गुजर पटेल खाती कुंभार लुहार नाई ढोली बलाई भील रेगर चमार आदि सब कौम की अरज मालूम होवे के आज पीछे में सब कोम का लोग कोई तरह की जीवहिंसा करांगा नहीं तथा देवी देवता माताजी, भेरुजी; जक्षजी, अंबाजी आदि के कोई प्रकार की जीवहिंसा करांगां नहीं तथा इनके नाम से कोई जीव मारांगा नहीं । सब देवता के मोठो परसादी चढ़ावाँगां तथा इनका नाम का अमरा करांगा पण माके लिए तथा देवता के लिए मां सर्व कोम का लोग के लिए कोई जीवहिंसा नहीं करांगा और प्रण यह श्री चारभुजाजी महाराज को बोच में रखकर चन्द्रमा सूरज की साख सूं आपका उपदेश लागनेसु किया है । सो मां लोक मांको गांव गजसिंहपुरा रहेगा तथा मांको वंश रहेगा वहां तक प्रण पाला जावांगा, कोई हिंसा नहीं करांगा इन प्रण से जो विरुद्ध चलेगा उसका भला नहीं होगा संवत १९९६ का मिति फागन विद८ शुक्रवार दः रंगलाल कुकडा सर्व कोमका केवासु गजसिंहपुरा में लिख दीना । दः खेमराज कुकडा द. लालदास, द. शोभालाल, नि. पटेल लालू, दः भीमराज,, नि. भजापटेल, नि. कला पलस, नि. हेमाभील, द: वरदीचन्द, द. भजा - asia, नि. किसना बलाई, द देवजी दः फूलचन्द नि. गोडहलसर, द. देवजी, इत्यादि.
श्री एकलिंगजी
नकल पट्टा आकडसादा बालापुरा का छे
श्रीरामजी
सिध श्री श्री श्री श्री १००८ श्री पूज्य महाराज साहेब श्रीघासीलालजी महाराज १००७ श्री पं कन्हैयालालजी महाराज १००५ श्री मंगलचन्दजी महाराज १००५ श्री मदनलालजी महाराज ठा० ४ सु पधारिया । आज सं. १९९६ का फागन विद ss शनिवार ॐ शान्ति की प्रार्थना हुई, अहिंसा का उपदेश फरमायो जणीसु मांलोग आकडसादा तथा बाला पुरा मजरा आकडसादा का निवासी सर्व कोम ब्राह्मण जाट गुजर नारे तेली, चलाई, चमार आदि सर्व कोम वाला यानि हिन्दू, मुसलमान पिंजारा आदि सर्व कोमवालां अहिंसा धर्म को धारण करके यो प्रण कराहां के हमलोग कोई जीवहत्या नही करांगा और मां का गांव का देवी देवता आदि को जीव नहीं मारांगा । वणाने मीठी परसादी चडावांगा तथा देवता के नाम का अमरिया कर देवांग, यों प्रण मां लोग सर्व कोमवाला चारभुजाजी महाराज ने बीच में रखकर करयो है सो चन्द्र सूरज की साख सु मां लोग की आल औलाद रहेगा जब तक पालता रहेवांगा अणी सु विरुद्ध प्रण तोड़ेगा तो वणीको भगवान भलो नहीं करेगा, । स. १९०६ का फागनवदss शनिवार
दः मुलदास सर्वगांव या कोम के केणासु कीदा द: किस्तुरचन्द का, द. हीरापटेल, द. धणरूपमल रांका नि. पटेल हीरा नि. जालम पटेल, नि. कालु- पटेल नि. शंकरलाल पटेल, द. परताब भागीरथ, नि. भूरानाई द... कजोडीमल, नि. कानापटेल द. लुहार हीरा नि. नानुराम नि. छिोगाकालूजी इत्यादि...
नकल पट्टा गेनसिंह का खेड़ा
श्री एकलिंग जी
श्रीरामजी
सिद्ध श्री १००८ श्री जैनाचार्य जैनधर्म दिवाकर परमपूज्य श्री घासीलालजी महाराज मुनी श्री १००७ श्री पं कन्हैयालालजी म. श्रीमदनलालजी म. आदि ठाना ४ की सेवा में पट्टा भेट किया जावे ऐतान गेनसिंहजी का खेडा का गुजर खारोल दरोगा कुंभार रेगर आदि में लोग आकड सादा में ॐ शांति प्रार्थना हुई जिन से अब हम सर्व कोम वाला जीवहिंसा नहीं करांगा, और माताजी भैरुजी के मीठो पूजा चढावांगा और शराब भी नहीं पीवांगा और पेहला हमारे ठाकुर साहब नारसिंहजी साहब के भी जीवहिंसा का त्याग किया हुवा है, सो हम सर्व लोग जीवहिंसा नहीं करांगा । आज मितिसु माने पक्कासोगन हैं । मांके गाँव में आल औलाद रेवेगा जतरे जीवहिंसा नहीं करांगा ओर नहीं करने देवांगा । माने त्याग है और यह सोगन लीया सो चान्द सूर्य की
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