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________________ 10.8 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची (Self Assessment : A questionnaire) कृपया सही विकल्प का चुनाव कर उसका नम्बर नीचे प्रश्नसूची में भरें। क्र. प्रश्न उत्तर सन्दर्भ विकल्प- अल्प-0 ठीक-© अच्छा-® बहुत अच्छा-@ पूर्ण-७ 1) क्या आप 'अर्थ' की जानकारी रखते हैं? 2) क्या आप अर्थ के महत्त्व सम्बन्धी विविध विचारधाराओं को जानते हैं? 3) क्या आप अर्थनीति के दुष्परिणाम को जानते हैं? विकल्प- नहीं-० हाँ-७ क्या आपकी व्यक्तिगत अर्थनीति सन्तुलित है? 5) क्या आपकी व्यक्तिगत अर्थनीति सुमर्यादित है? 6) क्या आपकी व्यक्तिगत अर्थनीति सुव्यवस्थित है? 7) क्या धर्म, अर्थ, काम के बजाय मोक्ष लक्ष्य से अर्थ की आवश्यकता स्वीकारते हैं? 8) क्या आपका परम लक्ष्य इच्छा-शून्यता है? विकल्प- हाँ-0 नहीं-७ 9) क्या आप अर्थ को साधन के बजाय साध्य मानते हैं? 10) क्या आप यह मानते हैं कि अर्थ से सुख मिलता है? विकल्प- कभी नहीं-0 कदाचित- कभी-कभी-9 अक्सर हमेशा11) क्या आप आवश्यकताओं का विश्लेषण करते हैं? । 12) क्या आप आवश्यकता-पूर्ति के साधनों का प्रयोग करने में सावधानियाँ रखते हैं? 13) क्या आप आर्थिक चक्र को सन्तुलित रखते हैं? 14) क्या आप वस्तु की उपयोगिता, मात्रा, गुणवत्ता, कीमत, प्रयोग की बारम्बारता, शुद्धता, निर्दोषता का सम्यक विश्लेषण करते हैं? 15) क्या आप संचित अर्थ की सम्यक सुरक्षा करते हैं? 16) क्या आप नियंत्रित उपभोग उदासीनतापूर्वक करते हैं? 17) क्या आप वस्तु की संग्रहण-योग्यता का सम्यक् विश्लेषण करते हैं? 18) क्या आप बहिरंग की अपेक्षा अंतरंग परिग्रह को प्रधान मानते हैं? 19) क्या आप बाह्य परिग्रह का सीमाकरण करते हैं? 20) क्या आप वस्तुओं का अत्यावश्यक, आवश्यक एवं अनावश्यक के रूप में विभाजन करते हैं? कुल कुल 0-20 21-40 41-6061-80 8 1-100 वर्तमान में प्रबन्धन का स्तर अल्प ठीक अच्छा बहुत अच्छा पूर्ण भविष्य में अपेक्षित प्रबन्धन अत्यधिक अधिक अल्प अल्पतर अल्पतम 607 अध्याय 10 : अर्थ-प्रबन्धन 79 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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