________________
करता है।
प्रकाशन के शुभ अवसर पर मैं इनके समुज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। इस कृति का उपयोग करके सभी अपने जीवन तथा अपनी जीवनशैली को सुव्यवस्थित बनाकर आत्मकल्याण के मार्ग में लगें, इसी मंगलभावना के साथ........
12 नवम्बर, 2012
सूरत
Mer" मुनि महेन्द्रसागर
=====4.>=====
or
، می خم شی می می می می می می می می می می می می می می می می می می می شی شی شی شی شی شیمی شیمی
م م م م م م م م م م م م م م م م. م. م. م م م م م
xxiv Jain Education International
जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org