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स्वकृतेषु विलम्बन्ते विषयासक्त चेतसः ।
क्षिप्रमक्रियमाणेषु, तेषु तेषां न तत्फलम्।। अर्थात् विषयों में आसक्त पुरूष अपने आवश्यक कार्यों में विलम्ब कर देते हैं, जिससे उन्हें कार्य का उपयुक्त फल प्राप्त नहीं होता।21 गलत आदतों के कतिपय उदाहरण
1) अकारण सुबह देरी से उठना। 2) स्नान के लिए प्रतिदिन 10-15 मि. गर्म पानी का इन्तजार करना। 3) बाथ टब अथवा शॉवर में नहाना, जिसमें समय और जल का अपव्यय अधिक होता है। 4) जो स्नान 5-7 मि. में हो सकता है, उसमें साबुन, शैम्पू, पानी का अधिक प्रयोग करते हुए
20-25 मि. खर्च करना। 5) सुबह उठने के बाद 'बेड टी' पीने की आदत होना, जिसके कारण उठने के बाद पलंग छोड़ने
में लगभग आधा घण्टा खर्च हो जाता है। 6) शौचालय जाने के लिए उपयुक्त हाजत (दबाव, Pressure) की तैयारी करने के लिए कई प्रयोग
करना, जैसे – तम्बाकू, सिगरेट, चाय, दूध, नस (तपकीर) आदि। धीरे-धीरे इनकी आदत पड़
जाने पर प्रतिदिन 15-20 मि. नष्ट हो जाते हैं। 7) सुबह-सुबह क्लब में खेलना , जिम्नेशियम में कसरत करना, पार्क में टहलना, योग-केंद्र में योगा
करना इत्यादि। ये कार्य शरीर की फिटनेस के लिए आवश्यक हो सकते हैं, परन्तु यदि देवदर्शन, सत्संग, प्रतिक्रमण, दान आदि के लिए पैदल जाया जाए, तो एक ही समय में आत्मा
और शरीर दोनों का हित साधा जा सकता है। 8) सुबह-सुबह मित्रों के जन्मदिन, विवाह की वर्षगाँठ आदि की बधाई देने में समय का फिजूल
खर्च करना, जबकि ये कार्य तो दिनभर में प्राप्त फुरसत के क्षणों में भी सम्भव हैं। 9) ब्रश या शेविंग करते हुए गीत गुनगुनाना, दर्पण में स्वयं को निहारते रहना और इस प्रकार
जिस कार्य में केवल 5-7 मि. लगने चाहिए, उसमें 15-20 मि. खर्च करना। 10) अन्य अनुपयोगी कार्यों में समय का अनावश्यक खर्च करना। 11) हर चीज की मेचिंग करने का भूतसवार होना, जिसमें काफी समय नष्ट होता है, जैसे -
कपड़े, बेल्ट, रुमाल, मोजे, जूते, ब्रीफकेस , कार आदि । 12) स्नान के पश्चात् काँच, तेल, कंघी के अतिरिक्त कई प्रकार के समयनाशक कॉस्मेटिक्स, जैसे
- परफ्यूम्स, पाउडर, लिपस्टिक, नेलपॉलिश आदि का प्रयोग करना। 13) पेपर आदि पढ़ने में अधिक समय नष्ट करना। 14) वस्तुविशेष को रखकर भूल जाना और आवश्यकता पड़ने पर ढूँढते रहना। 15) पानी, पार्किंग, कचरा आदि की समस्या को लेकर पड़ौसी आदि से आए दिन झगड़ना।
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जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व
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