SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 268
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अपनी क्षमतानुसार जीवन-लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा दी गई है। इसी कारण से मुनि और श्रावक के आचार में अन्तर है। इतना ही नहीं, 'मुनि' और 'श्रावक' के भी कई स्तर बताए गए हैं। हमारी क्षमता और लक्ष्य का सम्बन्ध कैसा हो, इसे हम निम्न चित्रों द्वारा समझ सकते 64 - क्र. चित्र " विवरण परिणाम 1/x और लक्ष्य क्षमता क्षमता कम अतिबृहद् निश्चित असफलता एवं समय की बर्बादी। x लक्ष्य लक्ष्य लक्ष्य छोटा और क्षमता सफलता अवश्य मिलेगी, लेकिन क्षमता का । अधिक पूरा उपयोग एवं विकास नहीं हो सकेगा। क्षमता क्षमता क्षमता कम और लक्ष्य थोड़ा ऊँचा (10-20% अधिक) प्रयत्न करने पर अन्तःप्रेरणा जाग्रत होगी, क्षमता का विकास होगा और सफलता मिलेगी। लक्ष्य चित्र (3) में निर्दिष्ट नीति के आधार पर लक्ष्य और क्षमता का समन्वय होना ही श्रेष्ठ समय-प्रबन्धन है और यह जैनआचारमीमांसा के निर्देशों के अनुरूप है, क्योंकि इनमें साधक के लिए जो व्रत, तप, क्रिया, ज्ञानार्जन, प्रतिमा-वहन आदि की क्रमिक विकास-व्यवस्थाएँ बताई गई हैं, वे वास्तव में क्षमता के आधार पर लक्ष्य निर्धारण करने के लिए बताई गई हैं। जैनाचार्यों का स्पष्ट कहना है कि हमें न अपनी शक्ति को छिपाना चाहिए और न ही शक्ति का उल्लंघन करना चाहिए, बल्कि सदैव शक्ति के अनुसार कार्य करना चाहिए। 4.6.3 सही कार्य-सूची बनाना (Right To-do List) जैनदर्शन के अनुसार, प्रत्येक आत्मा अनन्त ज्ञानशक्ति-सम्पन्न है। इस ज्ञानशक्ति के बल पर वह प्रतिसमय जानने का कार्य कर रही है। मानव-अवस्था में उसकी जानने की शक्ति अधिक तीक्ष्ण, गहरी और व्यापक होती है। एक सामान्य मानव अन्य पशु, पक्षी, कीड़े, मकोड़े आदि की तुलना में सोचने, विचारने, समझने आदि की विशेष शक्ति रखता है। इसी ज्ञान-क्षमता के बल पर हम 16 जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व 198 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy