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________________ 68 2. द्रव्यगुणपर्यायनोरास : 'द्रव्यगुणपर्यायनोरास' नामक कृति रासरूप होने पर भी अत्यन्त गूढ़ और कठिन दार्शनिक ग्रंथ है। इस ग्रन्थ की रचना वि.सं. 1709-10 के आसपास हुई होगी। इसकी वि.सं. 1711 में सिद्धपुर में लिखी हुई नयविजयजी के हाथ की एक हस्तप्रति मिली है। इस ग्रन्थ में उपाध्यायजी ने जैन तत्त्वज्ञान को लोकभाषा गुजराती में रास के रूप में ढालने का अद्भुत कार्य किया है। यह एकमात्र गुजराती भाषा में प्रणीत दार्शनिक ग्रन्थ है, जिसमें 17 ढाल और 284 गाथाएँ हैं। इसमें द्रव्य, गुण, पर्याय के लक्षण, स्वरूप, प्रकार और इनके पारस्परिक सम्बन्ध, सप्तभंगी, नयवाद आदि का तर्कसंगत युक्तियों और दृष्टान्तों से विवेचन किया गया है। उपाध्यायजी ने अपने पक्ष की पुष्टि के लिए अनेक मतमतान्तर और आधारग्रन्थों का उल्लेख किया है। दिगम्बर मान्य नय, उपनय, अध्यात्म नयों तथा दिगम्बराचार्य देवसेनकृत 'नयचक्र' ग्रन्थ की समिचीन समीक्षा की है। गुजराती भाषा में रचित इस रास पर दिगम्बर कवि भोजसागरजी ने 'द्रव्यानुयोगतर्कणा' नामक संस्कृत टीका लिखी है, जिससे इस रासकृति का महत्त्व स्वतः सिद्ध हो जाता है। 3. श्रीपालरास : विनयविजयजी कृत 'श्रीपालरास' को पूर्ण करने में यशोविजयजी ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। वि.सं. 1738 के चातुर्मास को विनयविजयजी ने रांदेर नगर में किया। रांदेर संघ ने वयोवृद्ध विनयविजयजी से 'श्रीपालराजा' का रास रचने के लिए आग्रह भरी विनती की। विनयविजयजी ने अपनी शारीरिक स्थिति और अवस्था को देखकर श्रीसंघ से कहा कि यदि रास अधूरा रह जाय और अधूरे रास को पूर्ण करने के लिए यशोविजयजी सम्मति प्रदान करते हों, तो मैं रास की रचना प्रारम्भ कर सकता हूं। रांदेर संघ की विनती पर उपाध्यायजी ने अधूरे रास को पूर्ण करने का दायित्व अपने ऊपर लेकर सहमति प्रदान की। विनयविजयजी ने श्रीपालराजा का रास लिखना प्रारम्भ किया। चतुर्थ खण्ड के कुछ भाग को अर्थात् लगभग 750 गाथाएँ रचकर कालधर्म को प्राप्त हो गये। यशोविजयजी ने श्रीपालरास की शेष 551 गाथाएँ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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