SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 51
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ____31 हम ऐसा मान सकते हैं कि सं. 1663 में यशोविजयजी को गणिपद से अलंकृत किया गया होगा तो उनकी दीक्षा सं. 1653 में हुई होगी। यशोविजयजी लघुवय में दीक्षित होने से दीक्षा के समय इनकी उम्र 8-9 वर्ष की रही होगी। इन तथ्यों के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि यशोविजयजी का जन्म सं. 1645 के आसपास हुआ होगा। इनका स्वर्गवास सं. 1743-44 में हुआ था। अतः सं. 1645 से 1744 तक का लगभग सौ वर्ष का आयुष्य होना चाहिए। अब समस्या यह खड़ी होती है कि इन दो प्रमाणों में से किस प्रमाण को महत्त्व दिया जाय। प्रद्युम्नविजयगणि, जयंत कोठारी और कान्तिभाई बी शाह द्वारा संयुक्त रूप से संपादित 'उपाध्याय यशोविजय स्वाध्याय ग्रन्थ' में चित्रपट के लेख को यथावत उद्धृत करके तथा अन्य तथ्यों का उल्लेख करके चित्रपट में उल्लेखित नयविजयजी और यशोविजयजी को अन्य कोई नयविजयजी और यशोविजयजी ठहराया है। इसमें सं. 1645 को यशोविजयजी का जन्मवर्ष नहीं मानने के लिए एक और ठोस आधार दिया गया है कि जब 'सुजसवेलीभास' में दिये गये आठ अवधान वर्ष सं. 1699, उपाध्यायपदवी वर्ष सं. 1718 एवं स्वर्गवास वर्ष 1743 आदि का समर्थन करके स्वीकार किया गया है तो मात्र दीक्षा वर्ष सं. 1688 के प्रति ही अश्रद्धा दर्शाने के लिए हमारे पास क्या आधार है। इस दृष्टि से 'सुजसवेलीभास' की माहितियाँ अधिक विश्वसनीय प्रतीत होती हैं। जहाँ तक चित्रपट के संवत का प्रश्न है, डॉ. सागरमल जैन के अनुसार वह 1663 न होकर 1693 होना चाहिए। क्योंकि उस काल के हस्तलेखन में 6 तथा ६ में बहुत कम अन्तर होता था। इस दृष्टि से उनकी दीक्षा 1688 में तथा गणिपद 1693 में हुआ होगा। अतः उनका जन्म 1660-1679 के मध्य हुआ होगा। ऐसा मानने पर दोनों में संगति बैठ जाती है। उपाध्याय यशोविजय स्वाध्याय ग्रन्थ, सं. प्रद्युम्नविजयगणि, जयन्त कोठारी, कान्तिभाई बी. शाह, पृ. 5 ' वही, पृ. 6 10 डॉ. सागरमल जैन से वैयक्तिक चर्चा के आधार पर। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy