SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 496
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गुण- पर्यायों में व्याप्त और अनुगत रहने से तीनों एकक्षेत्रावगाही है। अतः परस्पर कथंचित् अभिन्न भी है। 1391 घटादि समस्त द्रव्य सामान्य - विशेष रूप अर्थात् उभयात्मक है । सामान्य दृष्टि से पिंडादि विभिन्न आकारों में 'मिट्टीरूप' सामान्य ही दिखाई देता है तथा विशेष दृष्टि से देखने पर वही द्रव्य पिंड - स्थास - कोश- कुशूल - घट-कपाल आदि भिन्न-भिन्न आकारों (विशेषों) के रूप में दिखाई देता है। इस प्रकार जो सामान्य है वह द्रव्य है और जो विशेष है वे गुण - पर्यायें हैं। 1392 संक्षेप में पदार्थ को सामान्यत्मक दृष्टि से देखने पर द्रव्यात्मक और विशेषात्मक दृष्टि से देखने पर गुणपर्यायात्मक परिलक्षित होता है। पदार्थ को जिस दृष्टि से अथवा जिस विवक्षा से देखा जाता है पदार्थ वैसा ही परिज्ञात होता है। एक विवक्षा से शराव, घट, कुंभ, कलश आदि में मिट्टी सामान्य होने से वह द्रव्य है एवं शराव आदि विशेष होने से वे पर्याय हैं । अन्य विवक्षा से सोने का घट, चांदी का घट, मिट्टी का घट आदि अनेक प्रकारों के घट में निहित घटत्व सामान्य होने से वह द्रव्य है और सोना, चांदी आदि विशेष होने से वे पर्याय हैं। भिन्न-भिन्न अपेक्षा से पदार्थ का स्वरूप भिन्न-भिन्न होता है । अवस्थाओं के बदलने पर भी जो एकरूपता की बुद्धि है, वह सामान्य है । मूलद्रव्य के एक होने पर भी जो बदलने वाली अवस्थाएँ हैं, वे विशेष हैं। 1393 उन्हेंपर्याय कहा जाता हैं । 1391 तथा एकप्रदेश संबंधई वलगी छइं, इम जाणो द्रव्यगुणपर्यायनोरास, गा. 2/3 का टब्बा मृत्तिकादि सामान्य ज भासइं छइं, विशेष उपयोगइं घटादि विशेष ज भासइं छइं, तिहां सामान्य ते द्रव्यरूप जाणवुं विशेष ते गुणपर्यायरूप जाणवां .. वही, गा. 2/3 का टब्बा द्रव्यगुणपर्यायनोरास, भाग-1, - धीरजलाल डाह्यालाल महेता, पृ. 51 1392 1393 Jain Education International 476 - - For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy