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यही चेतनत्व आदि चार गुण परजाति की अपेक्षा से व्यावृत–व्यवहार करने से विशेषगुण भी कहे जाते हैं।1061 चेतनत्व नाम का गुण स्वाश्रयभूत चेतन द्रव्य को अन्य अचेतनद्रव्य आदि से व्यावृत्त करता है। इसी प्रकार अचेतन द्रव्य में रहा हुआ अचेतनत्वगुण स्वाश्रयभूत अचेतनद्रव्य को अन्य चेतनादि द्रव्यों से व्यावृत करता है। इसलिए ये विशेषगुण भी है। इस प्रकार यही चार गुण अपेक्षा भेद से सामान्यगुण
और विशेषगुण दोनों ही हैं। अन्वय–व्यवहार की अपेक्षा से सामान्यगुण और व्यावृतव्यवहारकअपेक्षा से विशेषगुण हैं।
1061 परजातिनी अपेक्षाइं चेतनत्वादिक, अचेतनादिक द्रव्यथी स्वाश्रयव्यावृत्ति करइं छइं ...........
............ द्रव्यगुणपर्यायनोरास, गा. 11/4 का टब्बा
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