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क्षयोपशमिक वीर्य जो वीर्य वीर्यान्तरायकर्म के क्षयोपशम से उत्पन्न होता है, वह
क्षयोपशमिकवीर्य है ।
5. रूप
4. सुख
जीव को जो सातारूप संवेदन होता है, वह सुख है, जिसके दो भेद हैं1059 1. इन्द्रियजन्यसुख – चक्षु आदि इन्द्रियों से उत्पन्न होनेवाला सुख इन्द्रियजन्यसुख है। 2. अतीन्द्रियसुख साक्षात् आत्मानुभूति के संवेदन से होने वाला सुख
अतीन्द्रियसुख है।
6. रस
जो विषय चक्षु इन्द्रिय के द्वारा ग्राह्य है, वह रूप या वर्ण है । वर्ण के शुक्ल, कृष्ण, नील, लाल और पीत ये पांच भेद होते हैं ।
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7. गन्ध
रसनेन्द्रिय के द्वारा ग्राह्य विषय रस हैं, जिसके मधुर तिक्त, कटुक, कसैला और अम्ल ये पांच भेद होते हैं ।
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1059 वही
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जिस विषय की अनुभूति घ्राणेन्द्रिय द्वारा की जाती है वह गन्ध है । गन्ध के दो भेद सुगन्ध और दुर्गन्ध है ।
8. स्पर्श
जिस विषय का ग्रहण स्पर्शनेन्द्रिय द्वारा होता है, वह स्पर्श है। स्पर्श के आठ भेद इस प्रकार हैं :- कठोर, कोमल, गुरू, लघु, शीत, उष्ण, स्निग्ध और रूक्ष ।
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