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आकारविशेष, रूपीपना, इन्द्रियगोचरपना, दृश्याकारपना मूर्तत्व गुण है। 1040 मूर्तत्व गुण एकमात्र पुद्गलद्रव्य में ही पाया जाता है, शेष धर्मास्तिकाय आदि द्रव्यों में मूर्तत्वगुण नहीं होता है।
10. अमूर्तत्व - ____ अमूर्तता का भाव अमूर्तत्वगुण है जिसका अर्थ है रूपादि से रहित होना। 1041 मूर्ततागुण का विपरीत गुण अमूर्तता है। यशोविजयजी के अनुसार मूर्तता के अभाव के साथ समानरूप से या निश्चितरूप से विद्यमान रहनेवाला गुण अमूर्तत्वगुण है।1042 इसका तात्पर्य है, वर्णादिरहितपना, दृश्याकाररहितपना, इन्द्रियगोचररहितपना, अरूपीपना है और यही अमूर्तत्वगुण है। जहाँ-जहाँ मूर्तता का अभाव होता है, वहाँ-वहाँ सर्वत्र अमूर्ततागुण व्यापक रूप से विद्यमान रहता है। यह गुण पुद्गलास्तिकाय के अतिरिक्त शेष सभी द्रव्यों में पाया जाता है। अचेतनत्व और अमूर्तत्व दोनों गुण भावात्मक या विधानरूप वाले गुण हैं -
अचेतनत्वगुण चेतनत्व का अभावस्वरूप और अमूर्तत्वगुण मूर्तत्व का अभाव स्वरूप नहीं हैं। दोनों भावात्मक या विधानरूपवाले गुण हैं। क्योंकि अमूर्त द्रव्यों में रहे हुए कार्यों की जनकता के अवच्छेदक के रूप में और अचेतनद्रव्यों में रहे हुए कार्यों की जनकता के अवच्छेदक के रूप में अमूर्तत्व और अचेतनत्व दोनों गुण सिद्ध होते हैं। अपने-अपने व्यवहारविशेष के नियामक के रूप में ये दोनों गुण भिन्न-भिन्न रूप में सिद्ध होते हैं। 1043
1040 द्रव्यगुणपर्यायनोरास, भाग-2, धीरजलाल डाह्यालाल महेता, पृ. 554 10 अमूतस्य भावः अमूतत्व रूपादि रहितत्व ........................................ आलापपद्धति, सू. 104 1042 अमूर्तततागुण-मूर्तत्वाभावसमनियत छइं .................. द्रव्यगुणपर्यायनोरास गा.11/2 का
टब्बा
1043 "अचेतनत्वामूर्तत्वयोश्चेतनत्वमूर्तत्वाभावरूपत्वान्न गुणत्वम्" इति नाशङ्कनीयम्, अचेतननामूर्तद्रव्यवृत्ति
कार्यजनकतावच्छेदकत्वेन, व्यवहारविशेषनियामकत्वेन च ... ..... द्रव्यगुणपर्यायनोरास, गा. 11/2 का टब्बा
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