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________________ 359 विशेष अथवा गुणों को ही परिवर्तन के आधार पर अभिहित होने वाली एक प्रकार की जाति विशेष द्रव्यत्वगुण कहलाता है।1015 नैयायिकों के अनुसार गुण और जाति भिन्न-भिन्न पदार्थ है। अतः द्रव्यत्व यदि जाति विशेष है तो वह गुण नहीं हो सकता है।1016 क्योंकि 'गुणत्वजातिमत्वं' के आधार पर जिसमें गुणत्व जाति है वह गुण है। द्रव्यत्व यदि गुण है तो, इसमें भी गुणत्व नाम की जाति होनी चाहिए। परन्तु जाति में जाति मानने पर अनवस्था दोष लगता है। इसलिए द्रव्यत्व में जाति नहीं मान सकते और जाति रहित होने से द्रव्यत्व गुण नहीं हो सकता है। उपाध्याय यशोविजयजी ने उपरोक्त शंका को निरर्थक बताकर कहा है कि जैनदर्शन के अनुसार सहभावीधर्म गुण और क्रमभावी धर्म पर्याय हैं। इस व्याख्या के अनुसार द्रव्यत्व द्रव्य का सहभावी धर्म होने से गुण है और गुण स्वयं निर्गुण होते हैं। 'द्रव्याश्रया निर्गुणा गुणाः' इस वचनानुसार द्रव्यत्व गुणरूप होने से तथा गुणत्व जातिरूप होने से गुण और द्रव्य भिन्न-भिन्न नहीं है।1017 गुण होने से उसमें 'गुणत्व जातिरूप' गुण नहीं रहता है, अतः वह निर्गुण भी है और निर्गुण होने से वह 'गुण' ही है, 'जाति नहीं है। ___पुनः जो-जो गुण होते हैं वे-वे उत्कर्ष अपकर्ष वाले होते हैं। ऐसी व्याप्ति भी घटित नहीं होती है। नैयायिकों के मान्य संख्या परिमाण, पृथ्कत्व, संयोग आदि गुण होने पर भी उनमें उत्कर्ष, अपकर्ष नहीं होता है। गुण में उत्कर्ष और अपकर्ष का होना अनिवार्य नहीं है।1018 अतः द्रव्यत्व सामान्य गुण है, जो छहों द्रव्यों में पाया 1015 द्रव्यमाव जे गुणपर्यायाधारता मिऽव्यङग्यजातिविशेष ते द्रव्यत्व ........... द्रव्यगुणपर्यायनोरास, गा. 11/1 का टब्बा 1016 ए जातिरूप माटइं गुण न होई। वही, गा. 11/1 का टब्बा 1017 एहवी नैयायिकादि वासनाई आशंका न करवी, जे माटइं "सहभूवो गुणाः, क्रमभूवः पर्यायाः" एहवी ज जैनशास्त्र व्यवस्था छइ ......... वही, गा. 11/1 का टब्बा 1018 द्रव्यत्वं चेद् गुणः स्यात् रूपादिवदुत्कर्षापकर्षमागि स्यात् ................ वही, गा. 11/1 का टब्बा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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