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________________ 324 3. सौक्ष्म्य - सौक्ष्म्य दो प्रकार है।88- अन्त्य और आपेक्षिक। परमाणु की सूक्ष्मता अन्त्य है। अन्य पदार्थों की सूक्ष्मता आपेक्षिक है। जैसे - आंवले से अंगूर छोटा है। 4. स्थौल्य - स्थौल्य भी अन्त्य और आपेक्षिक रूप से दो प्रकार का है।989 महास्कन्ध अन्त्य स्थौल्य है तथा अन्य पदार्थों की स्थूलता सापेक्षिक है। 5. संस्थान - संस्थान इत्थंलक्षण और अनित्थंलक्षण रूप से दो प्रकार का है।990 व्यवस्थित आकृति इत्थंलक्षण है जैसे गोल, त्रिकोण, चौरस आदि और अव्यवस्थित आकृति अनित्थंलक्षण है। जैसे मेघादि। 6. भेद - भेद के छह प्रकार हैं391- 1. उत्कर-काष्ठादि का चिरन, 2. चूर्ण-गेहूं आदि का आटा, 3. खण्ड-घट आदि के टुकड़े, 4. चूर्णिका- चावल, दाल आदि के छिलके निकालना, 5. प्रतर-अभ्रपटलादि का अलग होना, 6. अणुचटन-तप्तलोह पिण्ड को पीटने पर स्फुलिंग का निकलना। 7. अंधकार - जो वस्तुओं को दिखाई नहीं देने में कारण है तथा जो प्रकाश का विरोधी है वह अंधकार है।992 नैयायिकादि अंधकार को प्रकाश का अभाव मानते हैं। किन्तु जैनदर्शन के अनुसार यह भी सद्भावात्मक पदार्थ है। क्योंकि तम भी दिखाई देता है। जैसे प्रकाश में रूप है उसी प्रकार तम में भी रूप है। जिस प्रकार प्रकाश का 888 वही - 5/24/14 889 वही - 5/24/15 890 वही - 5/24/16 891 वही - 5/24/18 892 सर्वार्थसिद्धि - 5/24/572 Jain Education Intemational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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