________________
'देश या दुर्ग आदि मेरे हैं। 479 इस प्रकार कहना उभय उपचरित असद्भूत व्यवहार उपनय है। गढ़ - नगर देशादि में निवास करने वाले स्त्री, पुरूष जीव होने से स्वजाति है तथा घर-दुकान आदि अजीव - पदार्थ की होने से विजाति है। इस प्रकार गढ़ देश आदि चेतन सहित अचेतन पदार्थों में ममत्व बुद्धि का उपचार करना स्वजाति विजाति उपचरित असद्भूत व्यवहार उपनय है।
479 अ) स्वजाति विजाति उपचरित असद्भूत ब) विजातिथी ते जाणो रे
Jain Education International
190
For Personal & Private Use Only
आलापपद्धति, सू. 91 द्रव्यगुणपर्यायनोरास, गा. 7/18
www.jainelibrary.org