SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 195
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 175 समय पूजा करते हो, अभिषेक करते हों, उस समय उन्हें 'इन्द्र' कहना उचित नहीं है।124 शक्ति का प्रयोग करते समये उन्हें 'शक्र' कहना चाहिए, इन्द्र नहीं। एवंभूतनय शब्द से ध्वनित होने वाली क्रिया का अर्थ घटित होने पर ही उस वस्तु को उस रूप में मानता है। अन्यकाल में उसके लिए उस शब्द का प्रयोग करना एवंभूतनय की दृष्टि में उचित नहीं है। जैसे गच्छतीति गौ' – जो चले उसे गौ कहते हैं। जब वह खड़ी हो या बैठी हो तो उसे 'गौ' नहीं कह सकते है। दीपन-क्रियाहीन दीप को दीप नहीं कहा जा सकता है। इस नय में उपयोगयुक्त क्रिया की ही प्रधानता है। जैसे तप करते हुए को ही तपस्वी, मनन करते हुए को ही मुनि, भिक्षा लेते समय ही भिक्षु, साधना में रत को ही साधु और श्रम करनेवाले को ही श्रमण कहना चाहिए। प्रस्तुत नय के मत से साधु, मुनि नहीं हो सकता और मुनि, भिक्षु नहीं हो सकता है। जो शब्द जिस क्रियारूप अर्थ का द्योतक है, वह अन्य क्रियारूप अर्थ का वाचक नहीं हो सकता है।425 जिस समय में जो क्रिया हो रही है, उस समय में उस क्रिया से सम्बद्ध विशेषण का या विशेष्य के नाम का व्यवहार कराने वाला अभिप्राय एवंभूतनय कहलाता है।426 एवंभूतनय क्रिया अर्थ को शब्द से और शब्द को क्रिया–अर्थ से विशेषित करता है। जैसे घट शब्द का अर्थ है जो जलधारण करके घट-घट शब्द करता है। अतः इस नय के अनुसार जो जलधारण कर घट-घट क्रिया की चेष्टा करता है, वह घट है। जलधारण कर घट-घट शब्द करना, घट विशेष्य का विशेषण है।427 सर्वार्थसिद्धि, 1/33 श्लोकवार्तिक, 1/33/78 424 यदैवेन्दति तदैवेन्द्रो नाभिषेको न पूजक इति .................. 42 तत् क्रिया परिणामोर्थस्तथैवेति विनिश्चयात् .. 426 अ) क्रिया परिणतार्थ चेदेवंभूतो नयो वदेत् ... ब) एवंभूतत्सु सर्वत्रं व्यंजनार्थ विशेषणः ... 427नयवाद, – मुनि फूलचन्द्र, पृ. 161 द्रव्यानुयोगतर्कणा, 6/16 नयोपदेश, का. 39 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy