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________________ 126 वस्तु के विशेष पक्ष में अनुस्यूत सामान्य पक्ष को अनेक युक्तियों से सिद्ध करना ही द्रव्यार्थिकनय का विषय है।09 यह नय वस्तु के द्रव्य पक्ष को ही देखता है। परिवर्तनशील गुणों एवं पर्यायों को महत्त्व नहीं देने से यह मुख्यतः अभेदग्राही है।210 इस नय के अनुसार मिट्टी का घटरूप में परिणमन होने पर भी घट मिट्टी से अलग नहीं है। यह नय मिट्टी के घट और मिट्टी में अभेद सम्बन्ध को स्वीकार करता है। इस प्रकार द्रव्यार्थिकनय में सामान्य अथवा अभेद मूलक सभी दृष्टियों का समावेश हो जाता है। यशोविजयजी ने अपनी कृति 'द्रव्यगुणपर्यायनोरास' में 'नयचक्र', 'आलापपद्धति' प्रभृति दिगम्बर ग्रन्थों में वर्णित 'द्रव्यार्थिकनय' के दस भेदों की चर्चा विस्तार से की द्रव्यार्थिक नय के दस भेद इस प्रकार हैं : 1. कर्मोपाधि निरपेक्ष शुद्ध द्रव्यार्थिक नय। 2. उत्पादव्यय निरपेक्ष शुद्ध द्रव्यार्थिक नय । 3. भेद कल्पना निरपेक्ष शुद्ध द्रव्यार्थिक नय। 4. कर्मोपाधि सापेक्ष अशुद्ध द्रव्यार्थिक नय। 5. उत्पादव्यय सापेक्ष अशुद्ध द्रव्यार्थिक नय । 6. भेदकल्पना सापेक्ष अशुद्ध द्रव्यार्थिक नय । 7. अन्वयरूप द्रव्यार्थिक नय। 8. स्वद्रव्यादि ग्राहक द्रव्यार्थिक नय। 9. परद्रव्यादि ग्राहक द्रव्यार्थिक नय। 10. परमभावग्राही द्रव्यार्थिक नय। 209 जो साहेदि सामण्णं अविणांद, विसेसरूवेहि णाणाजुत्तिवलादो, दव्वथो सो णओ होदी ........... कार्तिकेयानुप्रेक्षा, गा. 269 210 ते तास कहतां द्रव्य-गुण-पर्यायनइ अभेद वखाणइ ........... द्रव्यगुणपर्यायनोरास का टब्बा गा. 5/2 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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