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________________ 107 6. स्याद् नास्ति अवक्तव्यः स्याद् नास्ति अवक्तव्यो घट : इस भंग में द्वितीय और तृतीय भंग की क्रमिक अपेक्षा से वस्तु विशेष की युगपत विवेचन है। यहां प्रथम निषेध करके बाद में युगपत् विधि-निषेध की विवक्षा की गई है।137 जैसे – स्याद् नास्ति अवक्तव्यो घटः। प्रथम परद्रव्य आदि से घट के नास्तित्व धर्म की विवक्षा करके पश्चात् युगपत अस्तित्व–नास्तित्व धर्म के कथन की अपेक्षा से घट की अवक्तव्यता की विवक्षा की गई है। इस भंग का तात्पर्य है कि कथंचित् घट नहीं है और कथंचित् अवक्तव्य भी है।138 7. स्याद् अस्ति नास्ति अवक्तव्यः – स्यादस्ति नास्ति अवक्तव्यो घट: इस अन्तिम भंग में तृतीय और चतुर्थ भंग की युगपत् अपेक्षा से वस्तुविशेष को विवेचित किया है। यहां पर पहले विधि, दूसरे निषेध और तीसरे युगपत् विधि निषेध की विवक्षा की गई है।139 जैसे –स्यादस्ति नास्ति अवक्तव्यो घटः। घट के स्वद्रव्यादि चतुष्क अपेक्षा से अस्तित्वस्वरूप की, परद्रव्यादि की अपेक्षा से नास्तित्व स्वरूप की और दोनों की युगपत् कथन की अपेक्षा से अवाच्यात्मक स्वरूप की विवक्षा करने पर कथंचित् घट है, घट नहीं है, घट अवक्तव्य है, इस प्रकार कहा जाता है। 140 यशोविजयजी ने 'द्रव्यगुणपर्यायनोरास' के चतुर्थ ढाल की 9 वी गाथा के टबे में सप्तभंगी को समझाने के उपक्रम में तीसरे भंग के रूप में स्याद् अवक्तव्य और चतुर्थ भंग के रूप में स्याद् अस्ति–नास्ति को माना है जबकि इसी ढाल की आगे के गाथाओं में द्रव्य, गुण, पर्याय के भेदाभेद सम्बन्ध को समझाने के संदर्भ में तीसरे भंग के रूप में स्याद्भिन्नाभिन्नमेव को और चतुर्थ भंग के रूप में स्याद्अवक्तव्य को माना है। 137 जैनदर्शन : स्वरूप और विश्लेषण, पृ. 265 138 एक अंश पररूपइ, एक अंश युगपत् उभयरूपइ विवक्षीइ, ति वारइं "नथीनई अवाच्य" 139 जैनदर्शन : स्वरूप और विश्लेषण, पृ. 265 140 एक अंश स्वरूपई, एक (अंश) पररूपई, एक (अंश) युगपत्, उभय रूपइ विवक्षीइ तिवारइ "छइ, नथी, नई अवाच्य" - ..............द्रव्यगुणपर्यायनोरास, टबा, गा. 4/9 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003974
Book TitleDravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyasnehanjanashreeji
PublisherPriyasnehanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages551
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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