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________________ 420 जगह अनवरत खुदाई करते रहें, तो ही जल मिलता है। ध्यान भी भीतरी खुदाई है, जो निरंतरं चलनी चाहिए। 149 इस प्रकार उसने नानाविध ध्यान-पद्धतियों को विकसित किया। यह कहा जा सकता है कि ये सभी ध्यान-पद्धतियाँ ज्यादातर भौतिकवाद पर ही निर्भर हैं। स्वास्थ्यगत दृष्टि से ओशो ने कहा -"ध्यान के लिए सम्यक् स्वास्थ्य बहुत जरुरी है और उसके लिए सम्यक् आहार, व्यायाम और विश्राम बुनियादी आवश्यकताएँ हैं।150 इसी प्रकार, पूज्य सत्यनारायणजी गोयनका बर्मा से भारत लौटे और उन्होंने विपश्यना की ध्यान-पद्धति को अधिक लोकप्रिय बनाया। कुछ हिन्दू-संन्यासियों ने पतंजलि की ध्यान और योग की साधना को पुनः जीवित किया। इस प्रकार जैन, बौद्ध और हिन्दू धर्म की विविध साधना-पद्धतियाँ इस युग में अस्तित्व में आईं। इन सभी का मूल लक्ष्य तो कहीं न कहीं व्यक्ति को तनावों से मुक्त करके आत्मशान्ति की ओर ले जाना ही था, क्योंकि इन सभी साधना-पद्धतियों ने चित्त की निर्विकल्पता को ही अपना लक्ष्य बनाया है। जैन धर्म में सर्वप्रथम विपश्यना से प्रभावित होकर आचार्य महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान विधि का विकास किया। आचार्यश्री ने सबसे पहले यह बताया कि ध्यान का प्रादुर्भाव कैसे होता है। उनका मंतव्य है –“चंचलता जितनी सहज है, स्थिरता उतनी सहज नहीं है। शरीर, वाणी, और मन से परे जाने का अभ्यास सहज नहीं है। जो नहीं है, वह जब 'है' में बदलता है, तब होता है –ध्यान का जन्म। 151 आचार्य महाप्रज्ञजी ने 'प्रेक्षा-ध्यान पद्धति' द्वारा ध्यान-प्रक्रिया का प्रयोगात्मकप्रतिपादन किया है। प्रेक्षा का तात्पर्य है -सूक्ष्मता से निरीक्षण करना, देखना, साक्षात्कार करना। मुनि किशनलालजी ने 'प्रेक्षा : एक परिचय' नामक एक लघु पुस्तिका में लिखा है -प्रेक्षा जैन-साधना का अर्वाचीन नाम भले ही हो; किन्तु 149 'समाधि के सप्त द्वार'- भूमिका से, ओशो, पुस्तक से उद्धृत 150 ध्यान-सूत्र, पृ. 33 151 'तब होता है ध्यान का जन्म' - आचार्य महाप्रज्ञ, पुस्तक से उद्धृत Jain Education Intemational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003973
Book TitleJinbhadragani Krut Dhyanshatak evam uski Haribhadriya Tika Ek Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyashraddhanjanashreeji
PublisherPriyashraddhanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages495
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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