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षडावश्यक बालावबोध वृत्ति तरूणप्रभसूरि
15 वीं शती साधुविधिप्रकाश प्रकरण उपा.क्षमाकल्याणजी 16 वीं शती आवश्यकीयविधिसंग्रह संपादक बुद्धिसागर 20 वीं शती चैत्री-कार्तिक पूर्णिमाविधि कवीन्द्रसागरसूरि
20 वीं शती देववन्दन माला (गु.) संपादक खांतिश्रीजी 20 वीं शती देववन्दन माला
रत्नसेनविजय
20 वीं शती नमन और पूजन
डॉ. सुदीप जैन
20 वीं शती उपधान स्वरूप
धीरजलाल टोकरशी शाह । 20 वीं शती यतिश्राद्धव्रतविधिसंग्रह संपा. विजयरामसूरि 20 वीं विधिसंग्रह
प्रमोद सागरसूरि 20 वीं शती पूजा विधि पंचाशक - जैन परम्परा में जिन प्रतिमा की पूजा विधि का भी महत्वपूर्ण स्थान है। पूजा विधि विधान से सम्बन्धित विपुल साहित्य उपलब्ध है तथा पूजाविधि विधान से सम्बन्धित कुछ उल्लेख ज्ञाताधर्मकथा, रायप्रसेनीय आदि आगमों में भी देखने को मिलते हैं। इस सम्बन्धी श्वेताम्बर-दिगम्बर ग्रन्थों का विवरण निम्न है - कृति कृतिकार
कृतिकाल ज्ञातासूत्र
छट्ठा अंग
भ. महावीर राजप्रश्नीयसूत्र
उपांग सूत्र
ई.पू. प्रथम-द्वितीय शती प्रशमरति प्रकरण
उमास्वाति
3 री शती आवश्यकसूत्र चूर्णी जिनदासगणि
6 टी शती व्यवहारसूत्रभाष्य
संघदासगणि
6 टी शती बृहत्कल्पसूत्रभाष्य
जिनदासगणि
6 टी शती निशीथसूत्रचूर्णी
जिनदासगणि महतर 7वीं या 8 वीं शती पूजाविंशिका
हरिभद्रसूरि
8 वीं शती ललितविस्तरा
हरिभद्रसूरि
8 वीं शती
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