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________________ सुमतिनाथ भगवान् ने नित्यभक्त (एकासन) करके दीक्षा ग्रहण की थी। वासुपूज्य भगवान् ने दीक्षा के दिन उपवास-व्रत किया था। पार्श्वनाथ और मल्लिनाथ भगवान् ने भक्ततप (तेला) की तपश्चर्या से दीक्षा ग्रहण की थी और शेष बीस तीर्थंकरों ने छट्ठभक्त (बेला) तप करके दीक्षा ली थी। प्रस्तुत तप करने की विधि के क्रम का आचार्य हरिभद्र पंचाशक-प्रकरण के अन्तर्गत तपोविधि-पंचाशक की आठवीं गाथा में उल्लेख करते हैं श्रावकों को सात्विक रूप से शक्ति-अनुसार यह तप करना चाहिए, अर्थात् ऋषभादि जिनेश्वर के दीक्षा लेने के क्रम से यह तप करना चाहिए। आचार्य हरिभद्र ने इस तप को करने हेतु श्रावकों को सुविधानुसार तप करने का भी निर्देश दिया है कि यदि शक्ति न हो, तो श्रावक क्रम के बिना भी, अर्थात् किसी भी तिथियों में यह तप कर सकते हैं। इस प्रकार करने में कोई दोष नहीं है। ___ हरिभद्र के अनुसार, यह तप गुरु-आज्ञा से परिशुद्ध होकर निरवद्य अनुष्ठानपूर्वक करना चाहिए, अर्थात् द्रव्य एवं भाव-हिंसा से रहित होकर ही यह तप करना चाहिए। इप तप के स्वरूप के विषय में अन्य आचार्यों से आचार्य हरिभद्र के मत की भिन्नता स्पष्ट है, जिसकी चर्चा आचार्य हरिभद्र ने स्वयं पंचाशक-प्रकरण के अन्तर्गत तपोविधि-पंचाशक की नौवीं गाथा में की है अन्य आचार्यों का कथन है कि ऋषभादि चौबीस जिनेश्वरों के दीक्षातप के जो मास और तिथियाँ हैं, उन माह की तिथियों में यह तप करना चाहिए, जैसेऋषभदेव के दीक्षातप में चैत्र कृष्णा अष्टमी के दिन छट्ठ (बेला) करना चाहिए। इसी प्रकार, अन्य सर्व तीर्थंकरों के लिए तप की विधि समझना चाहिए। तप की सफलता का हेतु बताते हुए कहा है कि तप के पारणे में चौबीस तीर्थंकरों को जिस द्रव्य की प्राप्ति हुई, उसी द्रव्य से धारणा करना उत्तमोत्तम तप का लक्षण है। आचार्य हरिभद्र पंचाशक-प्रकरण -आचार्य हरिभद्रसूरि- 19/7 - पृ. - 337 पंचाशक-प्रकरण - आचार्य हरिभद्रसूरि- 19/8- पृ. - 337 2 पंचाशक-प्रकरण - आचार्य हरिभद्रसूरि- 19/9- पृ. - 338 586 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003972
Book TitlePanchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji
PublisherKanakprabhashreeji
Publication Year2013
Total Pages683
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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