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________________ प्रथम तीर्थंकरों के साधुओं के चरित्र को कठिनाई से शुद्ध कराया जा सकता है, क्योंकि ऋजुजड़ होने कारण उन साधुओं का अतिचार तब दूर होता है, जब उन्हें विस्तृत उपदेशपूर्वक समस्त हेय - सम्बन्धी ज्ञान हो जाए। अंतिम तीर्थंकरों के साधुओं से भी चारित्र का पालन बड़ी कठिनाई से करवाया जा सकता है, क्योंकि वे साधु वक्रजड़ होने के कारण बहाने बनाकर हेय का आचरण करते हैं । मध्यवर्ती तीर्थकरों के साधुओं का चारित्र सुविशोध्य और सुखानुपाल्य है, क्योंकि वे साधु ऋजु -प्राज्ञ होने के कारण उपदेशानुसार चारित्र का पालन करते हैं । ऋषभदेव भगवान् के काल में साधु ऋजुजड़ अर्थात् सरल, किन्तु अनभिज्ञ होते थे। उन्हें जितना कहा जाता, उतना ही समझते थे, विशेष नहीं । ऋजु -प्राज्ञ विषयक दृष्टान्त- मध्यवर्ती तीर्थंकरों के शासनवर्ती मुनि भिक्षा के लिए गए हुए थे। मार्ग में नटों का नृत्य देखने लग गए और विलम्ब से पहुँचे। गुरु महाराज पूछने पर यथार्थ बात कही। गुरु ने भविष्य में नाटक देखने जैसे आचरण न करने का आदेश दिया। उन्होंने सविनय स्वीकार किया और पहले देखने का मिथ्यादुष्कृत्य किया । एक बार नृत्यांगना का नृत्य हो रहा था । गोचरी गए हुए वे मुनि वहाँ खड़े न रहे और विचार किया कि रागोत्पत्ति का कारण होने से गुरुदेव ने नृत्य का निषेध किया था, अतः हमें स्त्री-पुरुष किसी का भी नृत्य नहीं देखना चाहिए। यह ऋजुप्राज्ञ, अर्थात् सरल एवं बुद्धिमान् का लक्षण है । प्रश्न उत्पन्न होता है कि मुनि तो साधनाशील हैं, संयमवान् हैं, फिर मुनियों के लिए ऋजुजड़ और वक्रजड़ स्वभाव क्यों बताया ? इसका समाधान आचार्य हरिभद्र स्वयं स्थितास्थितकल्पविधि - पंचाशक की चंवालीसवीं गाथा में करते हैं काल के प्रभाव से ही साधु प्रायः ऐसे (जड़ता आदि) स्वभाव वाले होते हैं, इसलिए जिनेश्वरों ने उनके लिए स्थित - अस्थित कल्परूप मर्यादा की है। ' पंचाशक - प्रकरण - आ. हरिभद्रसूरि- 17/44 - पृ. - 310 2 पंचाशक - प्रकरण - आ. हरिभद्रसूरि- 17/45, 46, 47- पृ. - 310 Jain Education International For Personal & Private Use Only 549 www.jainelibrary.org
SR No.003972
Book TitlePanchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji
PublisherKanakprabhashreeji
Publication Year2013
Total Pages683
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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