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________________ अन्य से कोई कार्य करवाना हो, अथवा अन्य का कोई कार्य करना हो, तो इस प्रकार कहना चाहिए- यदि आपकी इच्छा हो, तो मेरा यह कार्य करें, अथवा आपकी इच्छा हो, तो मैं आपका यह कार्य करूं, क्योंकि किसी की भी इच्छा के प्रतिकूल काम करना या कराना बलात्कार है, जो आप्तवचनों के विरुद्ध है। तप, रोग आदि विशेष परिस्थितियों में अन्यों से कोई काम करवाना हो, अथवा दूसरों का कोई कार्य करना हो, तो उसकी अनुमति लेना चाहिए। इसमें भी रत्नाधिक से काम नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि वे ज्येष्ठ व पूज्य होते हैं तथा छोटों में भी नवदीक्षित मुनियों का कार्य करना चाहिए, उनसे कार्य नहीं कराना चाहिए, क्योंकि वे नए हैं तथा सामाचारी से अनभिज्ञ हैं। उनका कार्य भी उनसे पूछकर करना चाहिए, जिससे उनकी संयम में स्थिरता एवं सबके प्रति सद्भावना बनी रहे। ____ प्रस्तुत कथन में मुख्य रूप से चार बातें कही गई हैं(1) अकारण अन्यों से कार्य नहीं करवाना चाहिए, न दूसरों का काम करना चाहिए। (2) सामने वालों की इच्छा के बिना दूसरों से काम करवाना या दूसरों का काम करना नहीं चाहिए। (3) रत्नाधिक से काम नहीं करवाना चाहिए। (14 नवदीक्षित का कार्य करना चाहिए। प्रश्न उपस्थित हो सकता है कि दूसरों से कार्य क्यों नहीं करवाना चाहिए ? जिसका स्पष्टीकरण आचार्य हरिभद्र ने ही कर दिया है कि कार्य करने की शक्ति हो, तो स्वयं कार्य करना चाहिए, दूसरों से कार्य नहीं करवाना चाहिए। दूसरों से नहीं होने योग्य उनके कार्य को स्वयं को करना पड़े, जैसे- वस्त्र सीना आदि, तो वे कार्य भी अन्यों से इच्छाकार के द्वारा अनुमति प्राप्त करके करना चाहिए तथा दूसरे साधुओं को भी मना किए बिना उस कार्य को कर देना चाहिए। ऐसा करने से दोनों की साधुता शुद्ध बनती है, क्योंकि इससे वीर्याचार का पालन होता है। दूसरों का कार्य नहीं कर पाने या कप पाने की स्थिति में इच्छाकार–सामाचारी का प्रयोग करना चाहिए, अर्थात् दूसरे का कार्य न कर सकने की स्थिति हो, तो 'आपके कार्य को करने की मेरी इच्छा तो है, परन्तु 430 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003972
Book TitlePanchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji
PublisherKanakprabhashreeji
Publication Year2013
Total Pages683
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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