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________________ ब्रह्मचर्य-पौषध – अब्रह्म का त्याग। अव्यापार–पौषध – पाप-व्यापार का त्याग। पंचाशक में आचार्य हरिभद्र ने पौशध के दो भेद किए हैं- 1. देश (अंशतः) और 2. सर्व (पूर्णतः), अर्थात् इनका आंशिक रूप से त्याग करना देशपौषध है और सम्पूर्ण रूप से त्याग करना सर्वपौषध कहलाता है। पंचाशक के अनुसार इन चार पौषधों में से तीन पौषध, अर्थात् आहार, देहसत्कार और ब्रह्मचर्य में सामायिक हो या न हो, लेकिन चौथे अव्यापार पौषध में सामायिक तो नियम से होती ही है। अव्यापार–पौषध वाला सावध व्यापार नहीं करता है, इसलिए यदि वह सामायिक न ले, तो उसके लाभ से वह वंचित रह जाता है। उपासकदशांगसूत्रटीका में पौषध का अर्थ अष्टमी आदि पर्वतिथि और उपवास का अर्थ अशन, पान, खादिम, स्वादिम आदि चार प्रकार के आहार का त्यागइन दोनों के सम्मिलित रूप को पौषधोपवास कहा गया है। इसमें उपवास के साथ पापमय कार्यों का भी त्याग किया जाता है। डॉ. सागरमल जैन के अनुसार उपवासपूर्वक विषय-वासनाओं पर नियन्त्रण रखना ही इस व्रत का उद्देश्य है। इसे हम एक दिन के लिए ग्रहण किया हुआ श्रमण-जीवन भी कह सकते हैं। श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र में एक दिन-रात के लिए चारों प्रकार के आहार का त्याग, अब्रह्मचर्य सेवन, मणि, सुवर्ण, पुष्पमाला, सुगन्धित चूर्ण, तलवार, हल, मूसल आदि सावद्य योगों के त्याग करने को पौषधोपवास माना है।' रत्नकरण्डक-श्रावकाचार में चारों प्रकार के आहार-त्याग को उपवास तथा एक बार भोजन करने को पौषधोपवास कहा है। इस प्रकार एकासनरूप पौषध करने को पौषधोपवास कहा है। कार्तिकेयानुप्रेक्षा के अनुसार जो पर्व के दिनों में स्नान, विलेपन, उपासकदशांगटीका - आ. अभयदेवसूरि - पृ. - 45 डॉ. सागरमल जैन अभिनन्दनग्रन्थ - डॉ. सागरमल जैन – पृ. - 332 1 श्रावक प्रतिक्रमणसूत्र - अणुव्रत - 11 2 "चतुराहार विसर्जनमुपवासः प्रोशधः सकृद्-मुक्तिः। स प्रोशधोपवासो यदुपोश्यारम्भमाचरित।। - रत्नकरण्डक-श्रावकाचार - समन्तभद्र - पृ. - 109 ३ कार्तिकेयानुप्रेक्षा - उपाध्ये ए. एन. - 57 313 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003972
Book TitlePanchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji
PublisherKanakprabhashreeji
Publication Year2013
Total Pages683
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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