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________________ हैं। यही बात सिद्ध करते हुए आचार्य हरिभद्र जिनभवन-निर्माणविधि पंचाशक की इक्कीसवीं से चौबीसवीं तक की गाथाओं में' प्रतिपादन करते हैं जिनमन्दिर निर्माण सम्बन्धी कोई भी कार्य करवाते समय मजदूरों का शोषण नहीं करना चाहिए, अपितु उन्हें अधिक मजदूरी देनी चाहिए। अधिक मजदूरी देने से इहलोक और परलोक-सम्बन्धी शुभफल मिलता है। वे मजदूर गम्भीर नहीं होते हैं, वे दीन होते हैं। निश्चित की गई मजदूरी से अधिक मजदूरी देने से वे अधिक सन्तुष्ट हो जाते हैं और सन्तुष्ट होकर पहले से अधिक काम करते हैं। इस कथन से हरिभद्र की उदार-दृष्टि का परिचय मिलता है। ___अधिक धन देने से जिन-शासन की प्रशंसा होती है। इससे कुछ लोग शासन के प्रति आकर्शित होकर बोधिबीज को प्राप्त करते हैं और दूसरे लघुकर्म वाले कुछ मजदूर आदि तो प्रतिबोध को प्राप्त करते हैं। जिनभवन निर्माण कराने वाले की उदारता से सभ्य समाज में "जैनधर्म श्रेष्ठ है और उत्तम पुरुषों द्वारा कहा गया है"- इस प्रकार जिन–शासन की प्रभावना होती है। स्वाशयवृद्धि-द्वार- जिनमन्दिर निर्माण का निमित्त शुभभावों की वृद्धि का हेतु बनता है, क्योंकि जिन-मन्दिर का निर्माण, प्रतिष्ठा परमात्मा की छवि, अनेक भव्यात्माओं का आगमन- ये सब प्रसन्नता और भावोल्लास के कारण हैं। जब-जब मन्दिर में दर्शनार्थी आएंगे, अथवा महाव्रतधारी आचार्य, उपाध्याय और साधुओं का आगमन होगा और वे परमात्मा के दर्शन करेंगे तथा मुझे इन महापुरुषों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। इस प्रकार शुभ-भावना निरन्तर मन में बहने से शुभभावों में वृद्धि होती रहती है। यह वृद्धि संसार को कम ही नहीं करती है, अपितु संसार का क्षय करके मोक्ष का अक्षय सुख को देने वाली बनती है। इसी बात को पुष्ट करते हुए आचार्य हरिभद्र जिनभवन निर्माणविधि पंचाशक की पच्चीसवीं से अठाइसवीं तक की गाथाओं में कहते हैं ' पंचाशक-प्रकरण - आचार्य हरिभद्रसूरि - 7/21 से 24 - पृ. - 122,123 पंचाशक-प्रकरण - आचार्य हरिभद्रसूरि - 7/25 से 28 - पृ. - 123,124 187 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003972
Book TitlePanchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji
PublisherKanakprabhashreeji
Publication Year2013
Total Pages683
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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