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________________ रंग, कोई भी प्रकाश प्रकट होता है तो इसका अपना अर्थ और मूल्य है। ध्यान-मार्ग से गुजरते हुए आपको कई रंग दिखाई दे सकते हैं, प्रकाश दिखाई दे सकता है। प्रत्येक रंग भिन्न अर्थ रखता है, आपके व्यक्तित्व को प्रतिबिम्बित करता है। यदि गुरु के स्पर्श से सफेद रंग दिखाई दे, श्वेत प्रकाश, श्वेत फूल या फल दिखाई देता है तो इसका अर्थ है कि गुरु ने आपको और ज्यादा निर्मल, पवित्र और प्रेममय होने का आशीर्वाद दिया है। अगर लाल रंग दिखाई दे तो इसका अर्थ हुआ कि उन्होंने आपको और ज्यादा ज्ञानमय होने का आशीर्वाद दिया है। नीला रंग दिखाई देने का अर्थ यह है कि तुम्हारे अंदर जो कलुषितताएँ थीं, उन कलुषितताओं को गुरु ने हरण कर लिया और, और ज्यादा निर्मल होने का आशीर्वाद तुमने पाया। शंकर नीलकंठ कहलाते हैं। नीला गोला शंकर का प्रतीक होता है। जब भी मनुष्य के भीतर का जहर जगता है और गुरु से अमृत मिलता है, तो जहाँ जहर और अमृत का मिलन होता है, वहीं नीला रंग प्रकट होता है। इसलिए मेरे प्रिय विपिनजी! आपको नीले रंग के प्रकाश का दर्शन होना, जहर और अमृत का मिश्रण था। अच्छा होगा यह नीला रंग और निखरता चला जाए। बाद में दिखाई देने वाला हरा रंग आपकी प्रगति के लिए, आपके कल्याण के लिए है। भीतर का प्रदूषण खत्म हुआ। अंतर निर्मल हुआ। यह जीवन के लिए, साधना के लिए शुभ चिन्ह है। अध्यात्म-साधना में अपने चरण और प्रयत्न और आगे बढ़ाएं। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। बहुत-बहुत प्रेम । चेतना का ऊर्ध्वारोहण/५२ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003960
Book TitleChetna ka Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1994
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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