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से उ गंधओ। रसओ फासओ चेत्र, भइए संठाणओऽविय ॥५॥ पणओ जे भवे नीले, भहए॥६॥ वण्णो लोहिए जे उ, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेत्र, भहए संठाणओविय॥७॥ वण्णओ पीअए जे उ. भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेत्र, भइए संठाणओऽविध ॥८॥वष्णओ मुकिले जे उ, भइए से उगंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संताणओऽविज ॥९॥ गंधओ जे भये सुम्भी. भइए से उ वष्णओ। रसओ फासओ चेच. भइए संठाणओऽविअ ॥ १४०० ॥ गंधओ जे भवे दुभी, भइए से उ बण्णाओ। रसओ फासओ चेच, भइए संठाणओविय ॥१॥ रसओ तित्तओ जे उ. भइए से उ बन्नओ। गंधओ फासओ ब. भइए संठाणओविय ॥२॥ रसओ कडुए जे उ, भइए से उ वणओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओविय॥३॥रसओ कसाए जे उ, भइए से उ वष्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओविय॥४॥रसओ अंबिले जे उ. भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेय, भदए संठाणओऽविध ॥५॥ रसओ महुरए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव. भइए संठाणओविय ॥६॥ फासओ कक्खडे जे उ. भइए से उवण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओविय ॥ ७॥ फासओ मउए जे उ. भइए से उ वष्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओविय । ८॥ फासओ गुरुए जे उ. भइए से उवष्णओ । गंधओ रसओ चेब, भडए संठाणओबिय ॥९॥ फासओ लहुए जे उ. भहए से उवण्णओ। | गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओविय ॥१४१०॥ फासओ सीअए जे उ, भइए से उ वाणओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओविय ॥१॥ फासओ उण्हए जे उ. भइए से उवण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओविय
॥२॥ फासओ निइए जे उ, भइए से उवण्णओ। गंधओ रसओ चेच, भइए संठाणओविय ॥३॥ फासओ लुक्खए जे उ, भइए से उवष्णओ। गंधओ रसओ चेत्र, भइए संठाणओविय॥४॥ परिमंडलसंठाणे, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेच, भइए फासओविय ॥ संठाणओ भवे बट्टे, भइए से उ वण्णओ। गंधो रसओ चेत्र. भइए कासओविय ॥६॥ संठाणओ भवे तसे. भइए से उवण्णओ। गंधओ रसओ चेव. भइए कासओऽविय ॥७॥ संठाणओ
य चउरंसे, भइए से उ बण्णओ। गंधो रसओ चेव, भइए फासओपिय ॥८॥ जे आययसंठाणे, भइए से उ बन्नओ। गंधओ रसओ चेव. भइए फासओविय ॥५॥ एसा अजीबविभत्ती. समासेण वियाहिया। इनो जीवविनि, | बुच्छामि आणुपुवसो ॥१४२०॥ संसारत्था य सिद्धा य, दुविहा जीवा चियाहिया। सिद्धा णेगविहा वुत्ता, तं मे कित्तयओ सुण ॥१॥ इत्थी पुरिससिद्धा य. नहेब य नपुंसगा। सलिंगे अन्नलिंगे य, गिहिलिंगे नहेब य ॥२॥ उको. सोगाहणाए य, जहन्नमज्झिमाइ य । उइदं अहे य तिरियं च, समुइंमि जन्ममि य ॥३॥ दस य नपुंसएसु, वीसं इत्थियासु य। पुरिसेसु य अट्ठसयं, समएणगेण सिज्झई ॥४॥ चत्तारि य गिहिलिंगे, अन्नलिंगे दसेव य। सलिंगेण य असयं, समएणेगेण सिज्झई ॥५॥ उक्कोसोगाहणाए उ, सिझने जुगवं दुवे। चनारि जहन्नाए, जबमज्झट्टत्तरं सयं ॥६॥ चउगड्ढलोए य दुवे समुहे. तओ जले वीसमहे नहेब। सयं च अतृत्तर निरियलोए. समएणगेण उ सिज्झई धुवं ॥ ७॥ कहिं पडिहया सिद्धा?, कहिं सिद्धा पइडिया ?। कहिं चुदि चइनाणं?, कत्थ गंतूण सिज्झइ? ८॥ अलोए पडिहया सिदा, लोयग्गे य पइडिया । इहं बुदि चइनाणं, तत्थ गंतण सिज्झई ॥५॥ वारसहि जो. यणेहि. सबस्सुवरि भवे। ईसीपभारनामा उ, पुढवी छत्तसंठिया ॥१४३०॥ पणयाल सयसहस्सा, जोअणाणं तु आयया। तावइयं चेव विच्छिन्ना. तिगुणो साहिय (तम्सेव) परिरओ॥१॥ अद्दजायणबाहाडा, सा मझमि दिया. हिया। परिहायती चरिमंते, मच्छीपत्ताउ तणुययरी ॥२॥ अजुणसुवन्नगमई सा पुढवी निम्मन्या सहावेणं । उत्नाणयछत्तयसंठिया य भणिया जिणवरेहिं ॥३॥ संखंककुंदसंकासा, पंदुरा निम्मन्ला मुभा ।। सीआए जोधणे ननो, लोयंनो उ वियाहिओ ॥४॥ जोअणस्स उ जो नत्थ, कोसो उपरिमो भये। तस्स कोसस्स छम्भाए, सिद्धाणोगाणा भवे ॥५॥ तत्थ सिद्धा महाभागा. लोग गंमि पइट्टिया। भवपचउम्मुका, सिद्धि वरगई गया ॥६॥ उस्सेहो जम्स जो होइ. भवंमि चरमंमि उ । तिभागहीणा तत्तो य, सिद्धाणोगाहणा भवे ॥ ७॥ एगनेण य साईया. अपजबसियाविय । पुहुनेण अणाईया. अपज्जवसियाविय ॥८॥ अमविणो जीवघणा, नाणदसणसन्निया। अउन, मुह संपत्ता. उपमा जम्स नस्थि उ ॥९॥ लोएगदेसे ते सवे, नाणदसणसन्निया । संसारपारनिस्थिन्ना. सिद्धिं वरगई गया ॥१४४०॥ संसारथा उ जे जीवा. दुबिहा ने वियाहिया। नसा य थावरा चेव. थावरा निविहा नहि ॥शा पटवी आउजीवा य. नहेब य वणस्सई । इचेए थावरा तिबिहा, तेसिं भेए मुह मे ॥२॥ दुबिहा पुढविजीवा उ. सुहमा बायरा नहा। पजत्तमप्पजना, एवमेव दहा पुणो ॥३॥ नायरा जे उ पजत्ता, दविहा ने वियाहिया। सहा खरा य बोदवा. सण्हा सनविहा तहि ॥४॥ किण्हा नीला य रुहिरा य, हालिहा सुकिला तहा। पंटुपणग मट्टिया, खरा उनीसईविहा ॥५॥ पुढवी य सकरा वाल्या य उबले सिला य लोणसे। अयन उयनंबसीसगाप्पमुचने य बहरे य ॥६॥ हरियाले हिंगलए मणोसिला सासगंजण पवाले। अम्भपडलऽभवालय बायस्काए मणिविहाणा ॥७॥ गोमिजए य रुयगे अंके फलिहे य लोहियक्खे या मरगय मसारगड़े भुयमोयग इंदनीले य॥८॥चंदण गेम्य हंसगम्भे पुलए सागंधिए य बोदवे। चंदप्पभ वैसलिए जलकंते सरकते य॥९॥ एए खरपुढवीए. भेया छत्नीसमाहिया। एगविहमनाणना, मुहमा नन्थ वियाहिया ॥१४५०॥ सुहमा य
नन्य बियाहिया ॥१४५०॥ सुहमा यसबलोगमि, लोगदसे य वायरा। एनो कालविभाग | तु, नेसि वृच्छं चउविहं ॥१॥ संतई पप्पऽणाईया, अपजवसियाविय । ठिई पडुन साईया, सपनवसियाविय ॥२॥ पायीससहस्साई. वासाणुकोसिया भवे । आउठिई पुढवीणं, अंनोमुहनं जहन्निया ॥३॥ असंखकालमुकोसा, | अंतमुहर्त जहन्नयं। कायठिई पुढवीणं. ते कार्य तु अमुंचओ॥४॥ अणंतकालमुक्कोस, अंतोमुहुनं जहन्नयं। विजदंमि सए काए. पुढविजीवाण अंतरं ।।५।। एएसि वन्नओ चेव, गंधओ रसफासओ। संठाणादेसओ वाचि. बिहाणाई सहस्ससो॥६॥ दुविहा आउजीवा उ. सुहमा बायरा तहा। पजत्तमपज्जत्ता, एवमेव दुहा पुणो ।। ७॥ बायरा जे उ पजत्ता. पंचहा ने पकिनिया। सुद्धोदए य उस्से य. हरयणू महिया हिमे ॥८॥ एगबिहमनाणना, मुहमा नन्थ
वियाहिया। सुहमा सबलोगमि, लोगदेसे य बायरा ॥९॥ संतई०॥१४६०॥ सत्तेव सहस्साई, वासाणुकोसिया भवे। आउठिई आऊणं, अंतोमुहुर्त जहन्नयं ॥१॥ असंखकालमुक्कोसाका कायटिई आऊर्ण०॥२॥ अणंतकालमुकोसंग २१२९५ उत्तराध्ययनानि मूलमूत्र , #rearer-२६
मुनि दीपरत्नसागर
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