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विजमि सए काए. आउजीवाण अंतरं ॥ ३ ॥ एएसिं बनओ० ॥ ४ ॥ दुबिहा वणस्सईजीवा, सुहुमा बायरा तहा। पलत्तमपज्जत्ता, एवमेव दहा पुणो ॥ ५ ॥ त्रायरा जे उपजत्ता, दुविहा ते वियाहिया साहारणसरीरा य. पत्तेगा. य तहेव य ॥ ६॥ पत्तेयसरीरा उ णेगहा ते पकित्तिया रुक्खा गुच्छा य गुम्मा य लया वही तणा तहा ॥ ७ ॥ वलय पत्रया कुहणा, जलरुहा ओसही तिणा । हरियकाया उ बोद्धवा. पत्तेया इति आहिया ॥ ८॥ साहारणसरीरा उ. गहा ते पकिन्तिया । आलए मूलए चेव, सिंगधेरे तहेब य ॥ ९ ॥ हिरिली सिरिली सिस्सिरीली, जावई केय कंदली पडु ल्हसुण कंदे य. कंदली य कुह्वये । १४७० ॥ लोही णीहू य श्रीहू य. तुहगा य तहेव य कण्हे य वज्जकंदे य. कंदे सूरणए तहा ॥१॥ अस्सकन्नी य बोद्धवा, सीहकन्नी तहेव य। मुसुंडी य इलिदा य णेगहा एवमायओ ॥ २ ॥ एगविहमणाणत्ता० ॥ ३ ॥ संवई पप्पऽणाईआ ० ॥ ४ ॥ दस चेव सहस्साई वासाणुकोसिया भवे । वणस्सईणं आउं तु. अंतोमुहुत्तं जनयं ॥ ५ ॥ अनंतकालः | कार्यटिई पणगाणं ॥ ६ ॥ असंखकालमुकोसा, अंतोमुहुत्तं जनयं विजढंमि सए काए. पणगजीवाण अंतरं ॥ ७॥ एएसि वण्णओ ० ॥८॥ इच्चेए थावरा तिविहा. समासेण वियाहिया । इत्तो उ तसे तिविहे वृच्छामि अणुपुत्रसो || ९ || तेऊ वाऊ य चोदवा, ओराठा य तसा तहा इथेए तस तिविहा, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ १४८ ॥ दुविहा तेउजीवा उ. सुहमा बायरा तहा। पज्ञत्तमपजत्ता. एवमेव दुहा पुणो ॥ १ ॥ वायरा जे उपजना, गहा ने वियाहिया इंगाले मुम्मुरे अगणी, अचि जाला तहेब य ॥ २ ॥ उक्का विज्जू य बोद्धवा, गहा एवमायओ एगविमनाणत्ता सुद्दुमा ते वियाहिया ॥ ३ ॥ सहुमा० ॥ ४ ॥ संतई पप्पः ॥ ५ ॥ तिन्नेव अहोरना. उक्कोसेण वियाहिया आउठिई तेऊणं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं ॥ ६ ॥ असंखकालमुकोसा। कायठिई तेऊणं० ॥७॥ अनंतकालमुकोसं अंतोमुहुत्तं जहन्नयं विजढंमि सए काए. तेउजीवाण अंतरं ॥ ८ ॥ एएसिं वन्नओ० ||९|| दुविहा वाउजीवा य, सुहुमा बायरा तहा। पज्जत्तमपत्ता, एवमेव दुहा पुणो || १४९० ॥ चायरा जे उपजता, पंचहा ते पकित्तिया उकलिया मंडलिया. घण गुंजा सुदवाया य ॥१॥ संवट्टगवाए य. णेगहा एवमाअओ । एगविणाणना. सुमा तत्थ वियाहिया ॥ २ ॥ सुट्टमा सबलो० ॥ ३ ॥ संतई पप्प० ॥ ४ ॥ तिन्नेव सहस्साई वासाणुकोसिया भवे । आउलिई वाऊणं अंतोमुहुत्तं जहन्नयं ॥ ५ ॥ असंखकालः । कायलिई वाऊणं० ॥ ६ ॥ अणंतकालमुकोसं० । विजढंमि सए काए, वाउजीवाण अंतरं ॥ ७ ॥ एएसि बन्नओ० ॥ ८ ॥ ओराला तसा जे उ, चउहा ते पकित्तिया इंद्रिय तेइंद्रिय, चउरो पंचिंदिया चैव ॥ ९॥ बेइंद्रिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया पजनमपत्ता, नेसि भेए सुणेह मे ॥ १५००॥ किमिणा सोमंगला चेव, अलसा माइवाया। वासीमुहा य सिप्पीया, संखा संखणगा तहा ॥१॥ पोयाऽणुडया चैव तहेब य वराडगा जलूगा जालगा चैव चंदणा य तत्र य ॥ २ ॥ इति इंदिया एए. गहा एवमायओ लोएगदेसे ते सवे, न सङ्घस्य वियाहिया ॥ ३ ॥ संतई० ॥ ४ ॥ वासाई बारसेव उ. उक्कोसेण वियाहिया बेइंदियआउटिई. अंतोमुहुत्तं जहत्रयं ॥ ५ ॥ संखिज्जकालमुकोसा. अंनोमुहुतं जहन्नयं । बेदियकायलिई ॥ ६ ॥ अनंतकाल० । चेइंद्रियजीवाणं, अंतरेयं वियाहियं ॥ ७॥ एएसि बन्नओ ॥ ८ ॥ तेइंदिया य जे जीवा दुविहा ते पकित्तिया पजत्तमपजत्ता, तेसि भेए सुणेह मे ॥ ९ ॥ कुंथु पित्रीलिउहंसा, उकलुदेहिया तहा। तणहारा कड़हारा य, मालुगा पत्तहारगा ॥ १५१०॥ कप्पासिऽट्टिमिजाय विदुगा तउसमिजगा सदावरी य गुम्मी य, बोद्धवा इंदगाइ य ॥१॥ इंदगोवसमाईया, गहा एवमायओ लोएगदेसे ते सधे न सङ्घस्थ वियाहिया ॥ २ ॥ संनई पप्प० ॥ ३ ॥ एगुणवन्नऽहोरता, उक्कोसेण वियाहिया तेइंदिय आउठिई, अंतोमुहुत्तं जनयं ॥ ४ ॥ संखिजकालमुकोसा। तेईदियकायठिई० ॥ ५ ॥ अनंतकालमुक्कासं० तेईदियजीवाणं ॥ ६ ॥ एएसि वन्नओ० ॥ ७ ॥ चउरिदिया उ जे जीवा, दुबिहा ते पकित्तिया पजत्तमपजत्ता, तेसि भेए सुणेह मे ॥ ८ ॥ अंधिया पुत्तिया चेव, मच्छिया मसगा तहा। भमरे कीड पयंगे य. ठिकणे कुंकणे नहा ॥ ९ ॥ कुकडे सिंगिरीडी य, नंदावते य विच्छिए । डोले भिंगिरिडिओ. विरिली अच्छिवेहए ॥१५२० ॥ अच्छिरे माहले अच्छि (रोडए), विचित्ते चित्तपत्तए। ओहिंजलिया जलकारी य. नीया तंबबगाइया ॥ १ ॥ इइ चउरिंदिया एए. गहा एवमायओ लोगस्स एगदेसंमि ने स परिकित्तिया ॥२॥ संतई पप्प० ॥३॥ छच्चेव य मासाऊ, उक्कोसेण वियाहिया चउरिदियआउठिई, अंतोमुद्दत्तं जहन्नयं ॥ ४ ॥ संखिजकालमुकोस, अंतोमुत्तं जहन्नयं चउरिदियकायठिई० ॥ ५ ॥ अनंतकालमुको अंनोमुहनं जन्त्रयं ॥ ६ ॥ एएसि वनओ० ॥ ७॥ पंचिदिया उ जे जीवा चउनिहा ते वियाहिया नेरइया तिरिक्खा य, मणुया देवा य आहिया ॥ ८॥ नेरइया सत्तविहा. पुढवीस सत्तसू भवे। रयणाभ सकराभा बालुयाभा य आहिया ॥ ९ ॥ पंकामा धूमामा, तमा तमतमा तहा। इइ नेरइया एए. सत्तहा परिकित्तिया ॥ १५३० ॥ लोगस्स एगदेसंमि ते स उ वियाहिया । इनो कालविभागं तु तेसिं वृच्छ्रं चउविहं ॥ १॥ संतई पप्पः ॥ २ ॥ सागरोवममेगं तु. उकोसेण वियाहिया । पढमाइ जहन्नेणं. दसवाससहस्सिया ॥ ३ ॥ तिन्नेव य सागराऊ उक्कोसेण वियाहिया दुच्चाए जहन्नेणं, एगं तू सागरोवमं ॥ ४ ॥ सत्नेव सांगराऊ उक्कों सेण वियाहिया नईयाए जहनेणं, निन्नेव उ सागरोत्रमा ॥५॥ दससागरोवमाऊ, उक्कोसेण वियाहिया चउत्थीह जहन्नेणं, सत्तेव उ सागरोपमा ॥ ६ ॥ सतरससागराऊ उक्कोसेण वियाहिया पंचमाए जहन्नेणं दस चेव उ सागरा ॥ ७॥ चावीससागराऊ उक्कोसेण वियाहिया उडीद जहनेणं, सत्तरस सागरोवमा ॥ ८ ॥ तित्तीससागराऊ उक्कोसेण वियाहिया सत्तमाए जहन्नेणं, बाबीसं सागरोवमा ॥ ९॥ जा चेव उ आउटिई, नेरयाणं वियाहिया । सा तेसिं कायलिई, जहनुकोसिया भये ।। १५४० ॥ अणंतकालमुकोसं । णेरइयाणं तु अंतरं ॥१॥ एएसि बन्नओ चेवः ॥ २॥ पंचिदियतिरिक्खा उ, दुबिहा ते वियाहिया संमुच्छिमतिरिक्खा उ. गच्भवकंनिया तहा ॥ ३ ॥ दुविहावि ते भवे तिविहा, जलयरा थलारा वहा सहारा य बोद्धवा, तेसि भेए सुणेह मे ॥ ४ ॥ मच्छा य कच्छभा य, गाहा य मगरा तहा सुसुमारा य बोद्धवा, पंचहा जलयराऽऽहिया ॥५॥ लोएगदेसे वे सवे. न सङ्घस्य वियाहिया इनो कालविभागं तु, तेसिं वृच्छ्रं चविहं ॥ ६ ॥ संतई पप्प ॥ ७ ॥ इक्का य पुडकोडीओ, उक्कोसेण वियाहिया आउठिई जलयराणं, अंतोमुहुत्तं जनयं ॥ ८ ॥ पुत्रकोडीपुडुतं तु, उक्कोसेण वियाहिया कायटिई जलयराणं, अंतोमुदृत्तं जनयं ॥ ९ ॥ अनंतकालमुकोर्स० जलयराण (३२४) १२९६ उत्तराध्ययनानि मूलसूत्रं असणं- 25
मुनि दीपरत्नसागर
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