________________ गहणधारणं / संगहोवग्गहं चेव, बालवुड्ढाण कारए॥१॥ अदा अस्सेस जिट्ठा य, मूलो चेव चढत्यओ।गुरूणो कारए पडिमं, तवोकम्मं च कारए॥२॥ दिवमाणुसतेरिच्छे, उबसम्माहियासए। गुरू सुचरणकरणो, उम्गहोवग्गहं करे॥३॥ महा भरणि पुराणि, तिनि उग्गा वियाहिया। एएसुनवं कुजा, सब्भिनरबाहिरं चेव // 4 // तिन्नि सयाणि सट्ठाणि, तबोकम्माणि आहिया। Pउम्मनक्खत्तजोएसुं, तेसुमन्नतरे करे // 5 // किनिया य विसाहा य, उम्हा एयाणि दुन्नि उ। लिंपणं सीवणं कुजा, संथारुग्गहधारणं // 6 // उपकरणभंडमाईणं, विवायं चीवराणि य / उवगरणं विभागं च, आयरियाणं तु कारए॥ 7 // धणिट्ठा सयभिसा साई, सवणो य पुणवसू। एएसु गुरुसुस्सूसं, चेइयाणं च पूयणं // 8 // सज्झायकरणं कुज्जा, विजा विरहं च कारए। व वओबबावणं कुज्जा, अणुचं गणिवायए // 9 // गणसंगहर्ण कुज्जा, सेहनिमखमणं करे। संगहोवम्गहं कुजा, गणावच्छेइयं तहा // 40 // दारं 3 // वय पालवं च नह कोलवं च थिलोयणं गराई च। वणियं विट्ठी व तहा सुद्धपडिवए निसाईया // 1 // सउणि चप्पय नागं किंथुग्धं च करणा धुवा हुंति। किण्हचउदसिरति सउणी पडिचजए करणं // 2 // काऊण तिहिं चिगुण जुहगे सोहए न पुण काले। सत्तहिं हरिज भाग सेसं जं न भवे करणं // 3 // बवे य बालवे चेब, कोलवे बणिए तहा। नागे चउप्पए यावि, सेहनिक्खमणं करे॥४॥ बवे उवट्ठा वणं कुजा, अणुनं गणिवायए / सउणीमि य विट्ठीए, 'अणसणं तत्थ कारए // 5 // दारं। गुरुसुक्कसोमदिवसे, सेहनिक्खमणं करे। वओवट्ठावणं कुज्जा, अणुनं गणिवायए॥६॥रविभो. Mमकोणदिवसे, चरणकरणाणि कारए। तबोकम्माणि कारिजा, पाओवगमणाणि य॥७॥दार। रुद्दो उमुहुत्ताणं आई छत्रवइअंगुलच्छाओ। सेओ उहवइ सट्ठी वारसमित्तो हवइ जुज्झो R // 8 // छञ्चेव य आरभडो सोमित्तो पंचअंगुलो होइ / चनारि य वइरिजो दुबेव य सा वसू होइ॥९॥ परिमंडलो मुहुत्तो असीवि मसंतिते ठिए होइ / दो होइ रोहणो पुणवलो य चउरंगलो होइ॥५०॥ विजओ पंचंगुलिओ उचेव य नरिओ हवह जुत्तो। वरुणो यहबद वारस अजमदी यहवह पारस अजमदीवा हवइ सट्ठी॥१॥छनउडअंगलाई एए दिवसमहत्ता वियाहिया। दिवस. मुहत्तगईए छायामाणं मुणेयर्व // 2 // मिने नंदे तह सुट्ठिए य, अभिई चंदे तहेव या। वरुणम्गिवेसईसाणे, आणंदे विजए इय // 3 // एएसु मुहुत्तजोएसु, सेहनिक्खमणं करे / वउबट्टावणाई च, अणुना गणिवायए॥४॥ बंभे वलए चाउम्मि, उसमें वरुणे नहा। अणसणपाउवगमणं, उत्तमर्दु च कारए // 5 // दारं / / पुजामधिजसउणेसु, सेहनिक्वमणं करे। थीनामेसु सउणेसुं, समाहिं कारए विऊ // 6 // नपुंसएसु सउणेसु, सबकम्माणि वजए। वामिस्सेसु निमित्तेसु, सवारंभाणि वज्जए // 7 // तिरिय पहिरतेसु, अद्धाणगमणं करे। पुफियफलिए बच्छे, सज्झायं करणं करे // 8 // दुमखंधे बहिरतेसु, सेहुवट्ठावणं करे। गयणे वाहतेसु, उत्तमढे तु कारए // 9 // बिलमूले वाहरतेसु, ठाणं तु परिगिण्हए। उप्पायम्मि वयंतेसु, सउणेसु मरणं भवे // 60 // पकमतेसु सउणेसु, हरिसं तुट्टिच वागरे / दारं / चलरासिविलम्गेसु, सेहनिक्खमणं करे // 1 // थिररासिविलग्गेसु, वओवट्ठावणं करे। सुयक्खंधाणुन्नाओ, उदिसे य समु. दिसे // 2 // बिसरीरविलग्गेसु, सज्झायकरणं करे। रविहोराविलम्गेसु, सेहनिक्खमणं करे // 3 // चंदहोराविलग्गेसु, सेहीणं संगहं करे। सुण्णदिकोणलग्गेसु, चरणकरणं तु कारए // 4 // कृणदिकोणलग्गेसु, उत्तमई तु कारए। एवं लम्गाणि जाणिज्जा, दिकोणेसुण संसओ // 5 // सोमराहविलम्गेसु, सेहनिक्खमणं करे। कूरगविलम्गेसु, उत्तमदं तु कारए // 6 // राहुकेउ बिलग्गेसु, सवकम्माणि वजए। बिलग्गेमु पसन्थेसु, पसत्थाणि उ आरभे // 7 // अप्पसत्येसु लमोसु, सबकम्माणि वजए। बिलग्गाणि उ जाणिज्जा, गहाण जिणभासिए // 8 // दारं। 'न निमित्ता विवजंति, न मिच्छा रिसिभासियं। निमित्तेणं दुहिदेणं, आदेसो उ विणस्सइ // 9 // सुदिटेण निमित्तेणं, आदेसो न विणस्सइ। जा य उपाइया भासा, जं च पनि बाळ्या // 7 // जंवित्थीओ पभासंति, नस्थि तस्स वइकमो / तजाएण य तज्जायं, तण्णिभेण य वचिभं // 1 // तारूवेण य तारू, सरिसं सरिसेण निहिसे / श्रीपुरिसनिमित्तेसु, सेहनिक्समणं करे // 2 // नपुंसकनिमित्तेसु, सबकजाणि वजए। वामिस्सेसु निमित्तेसु, सधारंभे विवजए॥३॥ निमित्ते कित्तिमे नस्थि, निमित्ते भावि सुज्झए / जेण सिद्धा वियाणंति, निमितुष्पायलक्खणं // 4 // निमिनेसु पसन्थेसु, दढेसु बलिएसु य / सेहनिक्खमणं कुजा, वउवट्ठावणाणि य॥५॥ गणसंगहणं कुज्जा, गणहरे इत्थ वा यए / सुयक्खंधाणुनाओ, अणुन्ना गणिवायए॥६॥ निमित्तेसुऽपसत्थेसु, सिढिलेसुऽबलेसु य। सबकजाणि बज्जिजा, अप्पसाहरणं करे // 7 // पसत्थेसु निमित्तेसु. पसत्थाणि सयाऽऽरभे। अप्पसस्थनिमिनेसु, सबकजाणि वजए॥८॥ दिवसाओ तिही बलिओ तिहीउ बलियं तु सुबई रिक्खं / नक्खत्ता करणमाहंसु करणाउ गहदिणा चलिणी // 9 // क्खत्ता करणमाहंस करणाउ गहदिणाबलिणो॥९॥ गहदिणाओ महत्ता. महत्ता सउणो बन्ली। सर. णाओ बलवं लग्गं, तओ निमित्तं पहाणं तु // 8 // विलगाओ निमित्ताओ, निमित्तबलमुत्तमं / न त संविजए लोए, निमित्ता जपलं भवे // 1 // एसो बलाबलविही समासओ कितिओ सुविहिएहिं / अणुओगनाणगेज्मो नायवो अप्पमत्तेहिं / / 8 / / 20-928 // गणिविजापइपण समत्तं 8 // RE- श्री देवेन्द्रस्तवप्रकीर्णकम् अमरनरवदिए वंदिऊण उस