________________ काई पणय सविन्भमं काई सामिव ववहरंति काई सत्तुव रोरो इव काई पय(ण)एसु पणमंति काई उवणएस उवणमंतिकाई कोउयनमंतिकाउं सुकडक्वनिरिक्खएहि सविलासमहुरेहि उवहसिएहिं उवगृहिएहिं उक्सद्देहिं गुज्झगदरिसणेहिं भूमिलिहणविलिहणेहिं च आरुहणनट्टणेहि अ वालयउवगृहणेहिं च अंगुलीफोडणथणपीलणकडितडजायणाहिं तजणाहिं च, अवियाई ताओ पासोविब(बब)सिउं जं पंकुछ खुप्पिलं जं मचुव मारेडं जं अगणिव डहिउँ जं असिब छिजिउं जं।१९। असिमसिसारिच्छीणं कतारकवाडचारयसमाणं / घोरनिउरंचकंदरचलंतबीभच्छभावाणं // 122 // दोससयगागरीणं अजससयविसप्पमाणहिययाणं। कइयवपन्नत्तीणं ताणं अनायसीलाणं // 3 // अन्नं स्यंति अन्नं रमंनि अन्नम्स दिति उहावं / अन्नो कडयंतरिओ अन्नो पयड(डय)तरे ठविओ॥४॥ गंगाए वाल्या सायरे जलं हिमवओ य परिमाणं। उग्गस्स तवस्स गई गम्भुप्पत्तिं च विलयाए॥५॥सीहे कुंडुवयारस्स पुट्टलं कुकुहाइयं अस्से। जाणंति बुद्धिमंता महिलाहिययं न याति // 6 // एरिसगुणजुनाणं ताणं कइयवसंठियमणाणं / न हु मे वीससियवं महिलाणं जीवलोगम्मि // 7 // निवन्नयं व खलयं पुष्फेहिं विवजियव आरामं / निदियं वघेणुं लोएवि अतिल्लिय पिंडं // 8 // जेणंतरेण निमिसंति लोयणा तक्रवणं च विगसंनि। तेणंतरेण हिययं वियारसहसाउलं होइ॥१॥ जड्डाणं वुढ्ढाणं निचिण्णाणं च निविसेसाणं / संसारसूयराणं कहियपि निरत्ययं होइ॥१३॥किं पुत्तेहिं पियाहि व अत्येण विढप्पिएणं (प्र०वि पिंडिएणं) बहुएणं / जो मरणदेसकाले न होइ आलंबणं किंचि // 1 // पुत्ता चयंति मित्ता चयंति भन्नावि णं मयं चयइ। तं मरणदेसकाले न चयइ सुबिइजओ (प्र० सुचि अनिओ) धम्मो // 2 // धम्मो ताणं धम्मो सरणं धम्मो गई पइट्ठा या धम्मेण सुच भासकरा जसकराय अभयकराणिबुडकरी य सयय पारत्तबिइजओ धम्मो॥४॥ अमरवरसुअणविमरुवभागावभगिरिद्धी य। विनाणनाणमेव य लब्भह सुकएण धम्मेणं // 5 // देबिंदचक्रवट्टित्तणाई रजाई इच्छिया भोगा। एयाई धम्मलामा फलाई जं वावि निवाणं // 6 // आहारो उस्सासो संधिछिराओ य रोमकूवाई। पित्तं रुहिरं सुकं गणियं गणियपहाणेहिं // 7 // एयं सोउं सरीरस्स वासाणं गणिय पागडमहत्थं / मुक्खपउमस्स ईहह सम्मत्तसहस्सपत्तस्स // 8 // एयं सगइसरीरं जाइजरामरणवेयणाबहुलं / तह उत्तह काउंजे जह मुचह सबदुक्खाणं // 139 // 1-20-586 // इति तन्दुलचारिकप्रकीर्णकम् 5 // [30301-25- संस्तारकप्रकीर्णकम्-काऊण नमुक्कारं