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________________ की पुडिया तथा बीड़ी का बण्डल उसी डाक्टर के सामने नाली में डाल दिया। ___ हम बार-बार डॉक्टर के समझाने पर भी, विज्ञापन देखकर, इनसे होने वाले नुकसान को प्रत्यक्ष में देखकर भी इनको छोड़ नहीं रहे हैं। हम स्वयं ही बीमारी के खरीददार हो रहे हैं । इसमें दोष किसी और का नहीं है, हमारा अपना है। बीमारियों के सौदागर चारों ओर खड़े हैं । लुभावनी और आकर्षक पैकिंग एवं योजनाओं के साथ। हमें जागरूक रहना है - आकर्षण में फँसना नहीं है। व्यसन और फैशन मनुष्य को स्वभावत: विनाश की ओर ले जाते हैं और शील और संयम सृजन की ओर। एक मरुस्थल है दूसरा सुहाना उद्यान। एक शवयात्रा है, दूसरी शिवयात्रा है। एक में स्वभाविकता का क्षरण है दूसरे में मुक्ति का वरण है । विकल्प आपके हाथ में है किसे चुनें। _____ मैं आपको अब एक ऐसे शख्स के बारे में जानकारी दूंगी जो फुटपाथ से उठकर अपने चमत्कारिक खेल की बदौलत अरबपति बना, मगर व्यसन और फैशन की मशगुलता के चलते आज वह दाने-दाने को मोहताज हो गया है। आपने सुना होगा माइक टायसन को हाल में गिरफ्तार किया गया। उन पर नशे की हालत में गाड़ी चलाने और कोकिन रखने का आरोप लगा। हालांकि, कुछ समय बाद ही उनकी रिहाई हो गई, लेकिन उनका अदालत के चक्कर लगाने का सिलसिला अब भी जारी है। इस शख्स ने कभी सबसे कम उम्र (20 वर्ष 4 माह) में विश्व हैवीवेट चैम्पियन बन दुनिया को सकते में डाल दिया था। टायसन ने अपने पहले 19 मुकाबलों में एकतरफा जीत दर्ज की, और इस खेल के जरिये कुल 1800 करोड़ रुपए बटोरे, लेकिन व्यसन व फैशन परस्त जीवन-शैली के कारण आज यह पैसे-पैसे को मोहताज है, और लास वेगास (अमेरीका) के एक केसीनो में लोगों का मनोरंजन करते देखा जा सकता है, और परिणाम देखिए यहाँ आने वाले भी उसे कोई तवज्जों नहीं देते। टायसन अपने रहन-सहन पर हर माह करीब 1.8 करोड़ खर्च करता था। 1992 में उन्हें एक पूर्व सुंदरी से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और छह वर्ष की सजा सुनाई गई, मगर उन्हें तीन वर्ष बाद ही मई 1995 में रिहा कर दिया था। एक वर्ष बाद टायसन फिर से रिंग में उतरे, 1997 में उनका इंवाडर होलीफील्ड से बहुचर्चित मुकाबला हुआ।मैच के दौरान उन्होंने 48 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003884
Book TitleBahetar Jine ki Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhashreeji
PublisherJain Shwetambar Panchyati Mandir Calcutta
Publication Year
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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