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माँ बच्चों की जां होती है, वे होते हैं किस्मत वाले जिनके माँ होती है, तू कितनी सुन्दर है, तू कितनी शीतल है,
तू प्यारी-प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ...। अच्छी किस्मत उन्हीं की है, जिनकी किस्मत में माँ की लकीर है। सच्ची मस्कान उन्हीं की है जिनकी मुस्कानों में माँ की दुआएँ हैं। जीना उसी का जीना है जिनके माथे पर माँ की छाया है, मरना उन्हीं का मरना है जिनकी जां माँ के चरणों में हैं । सांस चाहे आए, चाहे जाए, सांस के हर सुरताल में एक ताल जरूर होना चाहिए और वह है माँ।
माँ तूने तीर्थंकरों को जन्मा है, यह संसार तेरे ही दम से बना है, तू पूजा है, मन्नत है मेरी,
तेरे ही चरणों में जन्नत है मेरी, माँ तू धन्य है, कृतपुण्य है, तूने तीर्थंकरों को जन्मा है, अवतार और पैग़म्बरों को पैदा किया है। राम और रहीम तुमसे हैं, कृष्ण और कबीर भी. तुमसे हैं, महावीर और मोहम्मद भी तुम्हीं से हैं। सचमुच, स्वर्ग अगर कहीं है तो माँ के चरणों में हैं। मोहब्बत का अगर कहीं कोई सच्चा चिराग़ जलता है तो वह माँ के आँचल में है। माँ के आँचल में सरज की रोशनी है. चाँद की चाँदनी है, तारों की टिमटिमाहट है, फूलों की खुश्बू है, झरनों का कलरव है, कोयल के गीत हैं, हिमालय की शीतलता है, सागर की गहराई है, धरती की सहनशीलता है। माँ सचमुच तू माँ है। तुझसे ही नारीजाति धन्य है। सोचो अगर दुनियाँ में माँ न होती! तुम और हम कहाँ से होते। इस गर्भपात के युग में भी माँ ने अपन सब लोगों को जन्म दिया है, हे माँ तुम्हारी इससे बड़ी हमारे लिए दौलत और अमानत क्या होगी? तुम्हारा धन हमारी विरासत नहीं है, तुम्हारी सम्पत्ति हमारी अमानत नहीं है वरन हम स्वयं ही तुम्हारी विरासत हैं और तुम्हारी अमानत है। इसीलिए तुम हमारी मोहब्बत भी हो और इबादत भी। तुम हमारी खुदा भी हो और ख़िदमत भी। तुम हमारी ईश्वर भी हो और हमारी प्रार्थना भी।
माँ तो हमारे जीवन को जन्म देने वाली केवल जननी और कोख में धारण करने वाली धरित्री ही नहीं है, वरन् वो तो हमारे जीवन की गुरु और 66
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