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मिलती हैं तो राजमार्ग का निर्माण होता है। वह राजमार्ग जो हमें पवित्रता, मुक्ति दे रहा है, भीतर से कमल की तरह ऊपर उठा रहा है, अनासक्ति प्रदान कर रहा है । वही सच्चा मार्ग है। ज्यों-ज्यों अनुपश्यना गहरी होगी, त्यों-त्यों आसक्तियाँ भी ज़रूर टूटेंगी। आसक्ति संसार और मृत्यु का मार्ग है और अनासक्ति अमृत का, महापरिनिर्वाण का मार्ग है । हम सभी इस मार्ग के अध्येता बनें, इसी मंगल भावना के साथ - नमस्कार ।
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