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________________ कैसे खोलें किस्मत के ताले श्री चन्द्रप्रभ हर व्यक्ति इस कोशिश में लगा हुआ है कि वह अपने जीवन में सफलता की ऊँचाइयों को छुए। ऐसा करने के लिए व्यक्ति परिश्रम भी करता है लेकिन कोई एक चीज ऐसी है जो बार-बार रोड़ा अटका देती है। वह चीज है इंसान की अपनी किस्मत। यह पुस्तक इंसान की उसी बंद किस्मत के ताले खोलती है और व्यक्ति को देती है एक ऐसी राह जो उसे आसमानी ऊँचाइयाँ देती है। महान राष्ट्र-संत पूज्य श्री चन्द्रप्रभ कहते हैं - किस्मत उस गाय की तरह होती है जो दूध देती नहीं है बल्कि बूंद दर बूंद हमें दूध निकालना होता है। सकारात्मक सोच और पूरे आत्मविश्वास के साथ यदि प्रयास किया जाए तो इंसान की प्रतिभा उसे महान सफलताओं का वरदान दे सकती है। श्री चन्द्रप्रभ की बातें जादुई चिराग की तरह हैं जिनका इस्तेमाल कभी व्यर्थ नहीं जाता। यह पुस्तक निश्चय ही आपके अन्तरमन में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगी। इसे आप नई पीढ़ी के लिए नये युग की गीता समझिए। महान जीवन-द्रष्टा पूज्य श्री चन्द्रप्रभ देश के लोकप्रिय आध्यात्मिक गुरुओं में अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं। 10 मई, 1962 को जन्मे श्री चन्द्रप्रभ ने 27 जनवरी, 1980 को संन्यास ग्रहण किया / वे विविध धर्मों के उपदेष्टा और महान चिंतक हैं / उनकी जीवन-दृष्टि ने लाखों युवाओं को एक नई सकारात्मक क्रांति दी है। उनके प्रभावी व्यक्तित्व, प्रवचन शैली और महान लेखन ने जनमानस को एक नया उत्साह, उद्देश्य और मंजिल प्रदान की है। उनकी 200 से अधिक पुस्तकें और 500 से अधिक प्रवचनों की वीसीडी जन-जन में ईद का प्रेम, होली की समरसता और दीपावली की रोशनी बिखेर रही हैं। इनके द्वारा जोधपुर में स्थापित संबोधि-धाम बहुत लोकप्रिय है, जहाँ शिक्षा, सेवा और ध्यान-योग के जरिए मानवता के मंदिर में ज्योत से ज्योत जलाई जाती है। 40/ COPL/10160 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003864
Book TitleKaise Khole Kismat ke Tale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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