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________________ उनकी है। महादेव जी समाधि में बैठे हैं और महावीर जी सिद्ध शिला में। अब काम आएँगे ये हनुमान जी। और वो भी चुटकी में। हनुमानजी का विरोध मत करना, हनुमान जी से पंगा लिया, तो खटिया खड़ी हो जाएगी। आत्म-विश्वास जगाने के लिए गीता भी उपयोगी है। गीता आत्म-विश्वास जगाने का ही शास्त्र है। मुझ पर गीता का उपकार रहा है। एक बार जब मेरा मनोबल दुर्बल हो गया था, गीता के दूसरे अध्याय को पढ़ते हुए मेरी चेतना जागृत हुई थी कि अपने मन की तुच्छ दुर्बलता का त्याग करो। घबराओ : मत, कर्त्तव्यपथ पर कदम बढ़ाओ, मैं तुम्हारे साथ हूँ। मेरे लिए गीता का यह वचन ब्रह्मवाक्य की तरह है कि ईश्वर हमारे साथ है - जीवन में फिर डर किस बात का, भय किसका? हम्पी की कन्दराओं में रहने वाले एक योगी संत हुए हैं : सहजानंदजी। मैं उनकी गुफाओं में रहा हुआ हूँ। वे सिंह-चीते जैसे जानवरों से घिरी उन गुफाओं में निर्भय रहते थे। उनकी निर्भयता से मैं भी अन्तर-प्रेरित हुआ हूँ। ___ मैं आपको इस बात के लिए प्रेरित करूँगा कि मार्ग चाहे सफलता का हो, चाहे केरियर-निर्माण का, चाहे विद्यार्जन का हो या साधना का, हर पुरुषार्थ करते समय विश्वास रखो कि ईश्वर हमारे साथ है। ईश्वर हमारे साथ है : यह सकारात्मक सोच ही आत्म-विश्वास की आधार-शिला है। घबराओ मत, डर के आगे ही जीत है। बिना रिस्क उठाए इश्क नहीं हो सकती और बिना भय भगाए विजय नहीं मिल सकती। लक्ष्य निर्धारित करो, लक्ष्य के प्रति सोच और मानसिकता को सकारात्मक तथा उत्साहपूर्ण बनाओ। पुरुषार्थ करो, प्रभु हमारे साथ है। आज कदमों में खंडप्रस्थ है। तो क्या हुआ, विश्वास रखो प्रभु है तो खंडप्रस्थ भी इन्द्रप्रस्थ बनेगा। आग सबके भीतर है, ज़रूरत है सिर्फ उस आग को जगाने की, आत्मा को झकझोरने की। हज़ारों मंज़िलें होंगी, हज़ारों कारवां होंगे। निगाहें हमको ढूँढेंगी, न जाने हम कहाँ होंगे। न जाने हम कहाँ होंगे। अपनी ओर से इतना निवेदन काफी है। 130 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003864
Book TitleKaise Khole Kismat ke Tale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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