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विचारों की विपश्यना
जिसे अपनाकर मैं अपने विचारों को निर्मल, सौम्य और सुखद बना पाऊँ । यदि ऐसा हो तो सादा जीवन उच्च विचार और चिंतन यही आपकी आस्तिकता की पहचान होगी, यही आपकी अन्तर आत्मा के अभ्युत्थान का एक सीधा-सादा, सौम्य और व्यावहारिक मा होगा। अपनी ओर से इतना ही निवेदन कर रहा हूँ।
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